स्पोर्ट्स डेस्क. भारतीय टीम को क्रिकेट के पारंपरिक प्रारूप में तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर की कमी खलते रही है. एक समय था जब महान क्रिकेटर कपिल देव इस भूमिका को वर्षों तक निभाया लेकिन उनके संन्यास के बाद भारतीय टीम को उस तरह का तेज गेंदबाज ऑलराउंडर आज तक नहीं मिला है. हार्दिक पंड्या ने जब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलना शुरू किया तब क्रिकेट पंडित और प्रशंसकों ने उनकी तुलना कपिल देव से करना शुरू कर दिया था. हालांकि, अपने करियर में चोट से परेशान रहे हार्दिक पर जल्द ही भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) बड़ा फैसला लेने वाला है.

स्टार ऑलराउंडर और टी20 टीम के कप्तान हार्दिक ने अपना आखिरी टेस्ट मैच 20 सितंबर, 2012 को इंग्लैंड के खिलाफ खेला था. पीठ में चोट के बाद से ही वह टेस्ट क्रिकेट से दूर हैं. पिछले कुछ समय से उन्होंने अपने फिटनेस पर खूब काम किया और अब वह पूरी तरह से फिट हैं. ऐसे में बीसीसीआई की चयन समिति टेस्ट में उनके भविष्य को लेकर स्पष्टता चाहती है.

बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा कि हार्दिक को टेस्ट में वापसी की कोई जल्दी नहीं है, लेकिन कुछ स्पष्टता होना बेहतर होगा. विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल से पहले हम इस पर चर्चा करेंगे. स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह कुछ समय के लिए टीम से बाहर हैं. ऐसे में हार्दिक इंग्लैंड में अहम भूमिका निभा सकते हैं, लेकिन उन पर तुरंत टेस्ट क्रिकेट में वापसी का दबाव नहीं डाला जाएगा.

अधिकारी ने कहा कि फिलहाल हार्दिक टेस्ट में चयन के लिए उपलब्ध नहीं हैं. वह चोट के कारण काफी परेशान रहे हैं. उन्हें क्रिकेट के तीनों प्रारूप में लगातार खेलने को कहना टीम के लिए हानिकारक हो सकता है. अगर राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) की मेडिकल टीम और खुद हार्दिक को लगता है कि वह टेस्ट में वापसी के लिए तैयार हैं तो वह निश्चित रूप से मैदान पर होंगे.

हार्दिक ने कुछ समय पहले कहा था कि अगर समय सही रहा और मेरे शरीर ने मेरा साथ दिया तो मैं टेस्ट क्रिकेट में वापसी करूंगा. उन्होंने 11 टेस्ट मैचों में 31.29 की औसत से 532 रन बनाए हैं जिसमें एक शतक और चार अर्धशतक शामिल है. उनके नाम 17 टेस्ट विकेट है.