रायपुर। रेलवे स्टेशनों में बिकने वाले सामानों को ज्यादा दाम में बेचने की शिकायत आम है ही लेकिनअगर आप ट्रेन से लंबी यात्रा कर रहे हैं और आप ये सोच रहे हैं कि स्टेशन में खाना खरीद कर खा लेंगे तो सावधान हो जाए कहीं स्टेशन में बिकने वाला खाना आपको बीमार न कर दे.

दरअसल शुक्रवार को बिलासपुर से शिवनाथ एक्सप्रेस से राजनांदगांव जा रहा एक परिवार जल्दबाजी में खाने का सामान नहीं रख पाया. जब ट्रेन रायपुर स्टेशन पहुंची तो परिवार के सदस्य ने स्टेशन की एक स्टॉल से खाने के लिए 70 रुपए की दर से 3 वेज बिरयानी और 1 थेपला पैकेट खरीदा. ट्रेन चलने पर जैसे ही परिवार खाना खाने के लिए बैठा तो वो वेज बिरयानी खराब हो चुकी थी उसमें से दुर्गंध आ रही थी. परिवार को उस पैकेट को ट्रेन से बाहर फेंकना पड़ा और मजबूरन भूखे पेट यात्रा करना पड़ा. जो पैकेट खरीदा गया उसमें दीपक एंड कंपनी फूड प्लाजा लिखा था.

यह हाल SECR के उस रेलवे स्टेशन का है जिसे A1 स्टेशन का दर्जा मिला है. उस स्टेशन से जहां से सबसे ज्यादा यात्री यात्रा कर रहे हैं. यह पहली दफा नहीं है जब किसी परिवार ने स्टेशन में बिकने वाली खाद्य सामग्री को खरीदा और वह खराब निकली हो. अक्सर यात्रियों को यही शिकायत रहती है, लेकिन ट्रेन छूटने के डर से यात्री इसकी शिकायत नहीं कर पाते.

परिवार ने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में बताया कि पैकेट में वेज बिरयानी के साथ में 100 ग्राम रायता लिखा हुआ था लेकिन रायता की बजाय उसमें किसी सब्जी का तरी था. यह यात्रियों के साथ एक तरह से बड़ा धोखा है कि वो पैसा देकर सड़ा हुआ खाना खरीद रहे हैं. परिवार का कहना है कि अब वे कभी भी रेलवे स्टेशन में बिकनी वाली चीजें नहीं खरीदेंगे.

हो सकती है फूड प्वाइजनिंग

सबसे बड़ी बात यह है कि जिनकी जिम्मेदारी स्टेशनों में बिकने वाले खाद्य सामग्रियों को समय-समय पर चेक करने की है वे भी आँख मूंदे पड़े हैं. जिसकी वजह से यात्रियों को पैसा खर्च करने के बाद भी सड़ा हुआ खाना मिल रहा है. उनमें भी किसी यात्री के पास अगर और पैसा न हो तो मजबूरी में उसे वही खराब हो चुका खाद्य पदार्थ खाना पड़ रहा है. डॉक्टरों के अनुसार खराब खाना खाने से फूड प्वाइजनिंग हो सकती है. ऐसे में समय पर इलाज नहीं मिलने से यात्रियों की जान तक आफत में पड़ सकती है. जानकारों के मुताबिक रेलवे के अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे आकस्मिक चेकिंग करते हुए स्टेशन में बिकने वाली खाद्य सामग्रियों को सैंपल लेकर उसकी जांच करेंगे.

ऐसे में सवाल यही उठता है कि क्या जिम्मेदारों को इसकी जरा भी भनक नहीं है. या फिर उनकी जानकारी में ही खुलेआम यात्रियों को सड़ा हुआ खाना बेचा जा रहा है. वहीं जब इस मामले में रेलवे के जिम्मेदार अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया गया तो किसी ने भी फोन नहीं उठाया.