अमृतसर. पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बलवंत सिंह राजोआणा को तीन घंटे की पैरोल दी है। पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह हत्याकांड के दोषी राजोआणा आज जेल से बाहर आए। कोर्ट ने उन्हें सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक पैरोल दी, जिसके दौरान वे अपने भाई के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे। यह पैरोल हाईकोर्ट के जस्टिस गुरविंदर सिंह गिल ने दी।


30 साल से जेल में बंद हैं बलवंत सिंह राजोआणा


राजोआणा पिछले तीन दशकों से जेल में बंद हैं। उनके बड़े भाई कुलवंत सिंह का 4 नवंबर को कनाडा में आकस्मिक निधन हो गया था। कुलवंत सिंह का जन्म 27 जुलाई 1965 को हुआ था। कोर्ट ने अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए राजोआणा को यह विशेष अनुमति दी है।


दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेजी गई


मौत की सजा को टालने के लिए राजोआणा ने सुप्रीम कोर्ट में दया याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने यह मामला राष्ट्रपति के समक्ष भेजने का आदेश दिया है। कोर्ट ने राष्ट्रपति के सचिव से कहा कि इस याचिका पर दो हफ्तों के भीतर फैसला लिया जाए। माना जा रहा है कि इस पर 5 दिसंबर तक निर्णय आ सकता है।


पूर्व मुख्यमंत्री की हत्या के दोषी


31 अगस्त 1995 को पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या कर दी गई थी। राजोआणा के मुताबिक, उन्होंने और उनके साथी, पंजाब पुलिस के कर्मचारी दिलावर सिंह ने, बेअंत सिंह को “मानव बम” के जरिए मारने की योजना बनाई थी। दिलावर सिंह ने खुद को विस्फोट में उड़ा लिया था। योजना के अनुसार, अगर दिलावर नाकाम रहता, तो अगला हमला राजोआणा को करना था। अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई है।