आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह(Sanjay Singh) ने भारतीय चुनाव आयोग (ECI) पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि अगर आयोग वास्तव में निष्पक्ष है, तो उसे विभिन्न राज्यों में मतदान संबंधी अनियमितताओं की शिकायतों की जांच करनी चाहिए. संजय सिंह ने आरोप लगाया कि दिल्ली में नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में 42,000 वोट काटे गए, जबकि भाजपा के केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों के पते पर दर्जनों फर्जी वोट बनाए गए. उन्होंने कहा कि इस मामले में शिकायत दर्ज कराने के बावजूद चुनाव आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की.

संजय सिंह ने कहा कि जब तक चुनाव आयोग इन शिकायतों की गंभीरता से जांच नहीं करता, तब तक उस पर वोट चोरी को बढ़ावा देने का आरोप लगता रहेगा. उन्होंने बिहार का उदाहरण देते हुए कहा कि आयोग ने साफ तौर पर स्वीकार किया है कि उसने राज्य में 22 लाख वोट इसलिए हटाए क्योंकि वे पिछले 20 वर्षों से मृत व्यक्तियों के नाम पर बने हुए थे. उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर इतने लंबे समय तक मृतकों के नाम मतदाता सूची में क्यों बने रहे? साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि जिन-जिन राज्यों से वोट चोरी की शिकायतें आ रही हैं, वहां चुनाव आयोग कार्रवाई करने से बच रहा है. “अगर आपको लगता है कि क्योंकि आप पर प्रधानमंत्री मोदी का हाथ है तो आप भी कुछ भी कर सकते हैं, तो ये ठीक नहीं है.”

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आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने चुनाव आयोग और मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि अगर चुनाव आयोग निष्पक्ष है तो उसे विभिन्न राज्यों में हो रही मतदान अनियमितताओं की शिकायतों की जांच करनी चाहिए. संजय सिंह ने आरोप लगाया कि आयोग का यह दावा कि किसी राजनीतिक दल ने शिकायत नहीं की है, “झूठ” है. उन्होंने कहा कि जब तक इन शिकायतों की जांच नहीं होती, आयोग पर वोट चोरी को बढ़ावा देने का आरोप लगता रहेगा. बिहार का उदाहरण देते हुए संजय सिंह ने कहा कि आयोग ने खुद माना कि उसने 22 लाख मृतकों के नाम मतदाता सूची से हटाए, जो पिछले 20 सालों से दर्ज थे. उन्होंने सवाल उठाया कि इतने सालों तक इन मृतकों के नाम सूची में क्यों बने रहे और बाकी राज्यों की शिकायतों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही.

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संजय सिंह ने कहा कि आयोग ने 25 जून से 25 जुलाई के बीच बिहार में 65 लाख वोट हटाए, लेकिन एक भी नया नाम मतदाता सूची में नहीं जोड़ा. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा: “SIR किया जा रहा है, लेकिन पूरे बिहार राज्य में उन्हें एक भी व्यक्ति मतदाता सूची में जोड़ने योग्य नहीं मिला. यह किस तरह का एसआईआर है?” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग द्वारा दिए गए आंकड़े जनता को गुमराह करने वाले हैं और इससे साफ है कि मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी और धांधली हो रही है.