लक्षिका साहू, रायपुर। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेश के बाद डीएड अभ्यर्थियों की नियुक्ति के साथ राज्य सरकार द्वारा बीएड धारी सहायक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश जारी करते ही बवाल मच गया है. अमान्य किए गए बीएड के सहायक शिक्षक कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में सुबह से मौन प्रदर्शन कर रहे हैं. बीएड धारी सहायक शिक्षक इस बात पर अड़े हुए हैं कि जब तक आदेश रद्द नहीं होता, तब तक धरने पर बैठे रहेंगे. यह भी पढ़ें : नवा रायपुर में बनेगा नया विहार, आधा दर्जन गांवों की ली जाएगी 436 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन…
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेश पर सहायक शिक्षक के 2855 पदों पर योग्य अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए आदेश दिए गए हैं, जिसके परिपालन में लोक शिक्षण संचालनालय ने बस्तर और सरगुजा संभाग के बीएड धारी सहायक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश जारी किया है.
हाई कोर्ट के निर्देश पर की जा रही कार्रवाई में स्पष्ट किया गया है कि डीएड अभ्यर्थियों की चयन प्रक्रिया को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ प्रारंभ किया जाएगा.
लोक शिक्षण संचालनालय के आदेश से पहले ही नौकरी पर मंडरा रहे खतरे को देखते हुए 19 दिसंबर से बीएड सहायक शिक्षक नवा रायपुर तूता धरना स्थल पर समायोजन की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे. इसके साथ ही 12 दिन बाद भी सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर शिक्षकों ने जल सत्याग्रह शुरू कर दिया था.
लेकिन अब लोक शिक्षण संचालनालय ने सहायक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश जारी करने के बाद ये सारी कवायतें बेअसर साबित हो रही है.
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