वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर। मतगणना के पहले बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र यादव ने भाजपा सरकार और जिला निर्वाचन अधिकारी पर निर्वाचन कार्य में गड़बड़ी का गंभीर आरोप लगाकर जांच की मांग की है, साथ ही उन्होंने मामले को लेकर कोर्ट जाने की चेतावनी भी दी है. जिला निर्वाचन अधिकारी ने कांग्रेस प्रत्याशी के आरोपों को खारिज करते हुए निर्वाचन के सभी कार्य पारदर्शिता व नियमों के मुताबिक होने की बात कही है, तो बीजेपी नेता कांग्रेस नेताओं द्वारा अपनी हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ने की बात कह रहे हैं. इसे भी पढ़ें : NDA की भारी भरकम जीत की भविष्यवाणी ने शेयर बाजार में भारी उत्साह, Sensex में जोरदार उछाल…
बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र यादव ने कहा कि 2251 मतदान केंद्रों के दस्तावेज प्राप्त हुए हैं. मिलान करने पर इनमें से 611 मतदान केंद्रों के प्रारूप 17 सी और बैलेट यूनिट के नंबरों में भिन्नता पाई गई. 206 बैलेट यूनिट में मुद्रित अल्फाबैटिक और न्यूमैरक नंबर में भिन्नता मिली है. 28 बैलेट यूनिट के नंबर अपूर्ण पाए गए. 41 बैलेट यूनिट में मुद्रित क्रम संख्या को विधिवत दर्ज नहीं किया गया.
उन्होंने कहा कि बिलासपुर और मुंगेली निर्वाचन कार्यालय से कमिशनिंग मॉक पोल के द्वारा दिए गए दस्तावेज और मतदान दल द्वारा प्रदान की गई 17 सी का मिलान करने पर कुल 55 कंट्रोल यूनिट के नंबरों में भिन्नता मिली है, 10 कंट्रोल यूनिट के नंबर अपूर्ण थे, 7 कंट्रोल यूनिट का नंबर दर्ज ही नहीं था. उच्चतम न्यायालय में जिस वीवी पैट के संबंध में निर्वाचन आयोग को दिशा निर्देश दिए थे, उनका भी पालन नहीं हुआ. 135 वीवी पैट के नंबर में भिन्नता पाई गई, और कुल 11 वी वी पैट के नंबर दर्ज ही नहीं किए गए.
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कांग्रेस प्रत्याशी ने बताया कि कोटा के 63, तखतपुर के 41, बिल्हा के 33, बिलासपुर के 42, बेलतरा के 44, मस्तूरी के 66, लोरमी के 51 और मुंगेली विधानसभा के 53 मतदान केंद्रों में गड़बड़ी हुई है.
उन्होंने और उनकी विधिक टीम ने बीते 28 तारीख को ही इन बिंदुओं पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त भारत सरकार, मुख्य निर्वाचन अधिकारी रायपुर, जिला निर्वाचन अधिकारी बिलासपुर, मुंगेली को विधिवत जानकारी दे दी है, और अभी तक कोई स्पष्टीकरण अप्राप्त है. इतने सब षड्यंत्र के बावजूद कांग्रेस की जीत को रोका नहीं जा सकता, क्योंकि जनता का आशीर्वाद हमारे साथ है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यदि वे चुनाव जीत भी गए तो भी कोर्ट जाएंगे.
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कांग्रेस प्रत्याशी की शिकायत पर बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण ने बैठक कर निराकरण करने की बात कही है, कलेक्टर ने कहा कि मतदान के दूसरे दिन यानी 8 मई को स्क्रूटनी हुई, जो इलेक्शन कमीशन के ऑब्जर्वर की उपस्थिति में हुई, जिसमें सभी प्रत्याशी के पोलिंग एजेंट थे, उन्हें रेंडम दिखाया गया, कि किसी मतदान केंद्र का पेपर चेक करना है, तो कर सकते हैं, उसके बाद सब कुछ सील हो गया है.
कलेक्टर ने आरोपों पर यह भी कहा कि एक बार जब सभी दस्तावेज सील हो जाते हैं, तो वह आरपीएफ की निगरानी में होती है, पेपर निकालकर उसे मिलान करना या देखना संभव नहीं है. वहीं उन्होंने मतगणना स्थल पर भी शिकायतों के त्वरित निदान का आश्वासन भी दिया है. कांग्रेस प्रत्याशी के आरोप पर भाजपा से बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला ने कहा कि हमने तो पहले ही कहा था, कि जैसे ही इनको हार दिखने लगेगी, पूरा ठीकरा ईवीएम के ऊपर फोड़ देंगे.
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