राजनांदगांव। मानसून ने अभी दस्तक नहीं दी है, और राजनांदगांव शहर में बिजली की आंख-मिचौली शुरू हो गई है. रोज रात को हो रही अघोषित बिजली कटौती से लोगों की परेशानी को देखते हुए महापौर हेमा देशमुख को पहल करनी पड़ी है. उन्होंने बिजली अफसरो की बैठक लेकर बिजली गुल होने की शिकायत को दूर करने के निर्देश दिये हैं.

मानसून के दौरान बिजली की व्यवस्था बहाल रहे इसके लिए हर साल बिजली विभाग मेंटेनेंस के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च करता है. लेकिन मानसून के पहले हल्की हवा और बारिश ने राजनांदगांव में मेटनेंस की पोल खोल दी है. शहर में रोज रात को अघोषित विघुत कटौती की जा रही है, जिससे आम लोगों की नीद काली होने लगी है, और बिना बिजली के उमस भरे मौसम मे रहने मजबूर हो रहे हैं.

शहर के ब्राम्हणपारा, दीवान पारा, शांति नगर, चिखली. रामनगर, कौरिनभाठा, बसंतपुर, स्टेशनपारा, शंकरपुर सहित शहर के अधिकांश इलाकों में बिजली की आंख मिचौली चल रही है. वहीं कहीं-कहीं तेज हवा चलने से तार टूट रहे हैं. बीते दिनो लेबर कॉलोनी में आंधी-तूफान के कारण तार टूट कर सड़क पर गिर गया था, जिसके चपेट में एक कार भी आ गई थी, लेकिन लेकिन किसी प्रकार की बड़ी दुर्घटना नहीं हुई. यही नहीं शहर के वीआईपी वार्ड कलेक्टर बंगला में भी बिजली व्यवस्था चरमराई हुई है.

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कोरोना महमारी की वजह से अनेक संक्रमित लोग घर पर रहकर इलाज करा रहे हैं.बिजली की आँख मिचौली से आम लोगों के साथ-साथ इन मरीजों को बहुत परेशानी उठानी पड़ रही है. रोज-रोज गुल हो रही बिजली से लोगों का गुस्सा भी उभरने लगा है. स्थिति को देखते हुए महापौर हेमा देशमुख ने बिजली अफसरों की बैठक लेकर शहर में बार बार लाईट बंद होने की शिकायत और अन्य समस्या के निराकरण के निर्देश दिए हैं. वही नगर निगम के विद्युत अमले को बारिश के पूर्व बिजली के तार से सटे पेड़ों के कटाई-छटाई के निर्देश दिये हैं.

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