श्रीनगर. जम्मू के पुलवामा से कल आतंकियों ने राष्ट्रीय रायफल्स के जवान औरंगजेब को अगवा कर गोली मार दी थी. उनका शव पुलवामा के गुस्सू गांव से बरामद हुआ था. शहीद जवान औरंगजेब का एक वीडियो सोशल मीडिया बेहद तेजी से वायरल हो रहा है. आतंकियों ने यह वीडियो जवान औरंगजेब को गोली मारने से पहले बनाया. इस वीडियो में शहीद जवान आतंकियों के सवाल का बेबाकी से जवाब दे रहा है.

इधर इस घटना से पूरे इलाके में मातम पसरा हुआ है. आज ईद के मौके पर जहां जश्न का माहौल होना चाहिए वहां पुंछ और आसपास के इलाके के लोग अपने लाडले की शहादत के गम में डूबे हुए हैं. औरंगजेब के घर पर भी ईद की तैयारी चल रही थी. औरंगजेब भी त्योहार घर पर मनाने छुट्टी लेकर आ रहा था तभी आतंकियों ने उसका अपहरण कर लिया फिर बाद में बेरहमी स उसकी हत्या कर दी.

औरंगजेब के पिता ने कहा-

उन्होंने कहा, मैं भी सिपाही हूं. 72 घंटे की मोहलत देता हूं, वरना खुद बदला लूंगा. उन्होंने कश्मीर के नेताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, श्रीनगर में बैठे नेता चाहें वो किसी भी पार्टी के हों, वे लोगों को मरवा रहे हैं. इन नेताओं को कश्मीर से बाहर निकाला जाना चाहिए. औरंगजेब का शहीद होना मेरा ही नुकसान नहीं है. ये पूरे कश्मीर का नुकसान है.

जारी हुए वीडियो में बातचीत का मुख्य अंश

आतंकी- क्या नाम है तेरा?
शहीद औरंगजेब- मेरा नाम औरंगजेब
आतंकी- बाप का क्या नाम है?
शहीद औरंगजेब- मोहम्मद हनीफ
आतंकी- किधर रहता है ?
शहीद औरंगजेब- पुंछ रहता हूं
आतंकी- ड्यूटी किधर है ?
शहीद औरंगजेब- शालीमार, पुलवामा, शालीमार कैंप
आतंकी- किसके साथ था तू, शुक्ला के साथ
शहीद औरंगजेब- हां
आतंकी- क्या ड्यूटी है तेरी ?
शहीद औरंगजेब- मैं सिपाही, एक तरह से जो पोस्ट पर ड्यूटी देता है
आतंकी- तो शुक्ला का गार्ड भी तू ही है
शहीद औरंगजेब- हां
आतंकी- उसके साथ ऑपरेशन में तू ही जाता है ना
शहीद औरंगजेब- हां
आतंकी- मोहम्मद भाई के एनकाउंटर में तू ही था
शहीद औरंगजेब- मोहम्मद रफी ?
आतंकी- हां मोहम्मद रफी, तलहा
शहीद औरंगजेब- हां मैं ही था
आतंकी- तो तलाह लोगों का एनकाउंटर तूने किया
शहीद औरंगजेब- जी

कौन हैं मेजर शुक्ला ?

बता दें मेजर शुक्ला के नेतृत्व वाली टीम ने आतंकी समीर अहमद भट उर्फ ‘समीर टाइगर’ का एनकाउंटर किया था. समीर अहमद भट ने एक वीडियो मैसेज भेज कर सेना के मेजर शुक्ला को चुनौती दी थी कि मां का दूध पिया है तो सामने आओ, लड़ो. इस वीडियो के 24 घंटे भीतर ही मेजर शुक्ला ने समीर टाइगर को मौत के घाट उतार दिया था.