नासिर हकिम,महासमुंद. जिले के बागबाहरा विकासखंड में धरमपुर जलाशय के अधूरे पड़े निर्माण से नाराज किसानों का गुस्सा प्रशासन पर फूट पड़ा है. किसान सैकड़ों की संख्या में सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट का घेराव कर दिया है. इतना ही नहीं किसानों की मांग है कि जलाशय के अधूरे निर्माण को पूरा नहीं किया गया, तो वो विधानसभा चुनाव का बहिष्कार कर देंगे.

दरअसल धरमपुर जलाशय का निर्माण वर्ष 2002 में शुरु हुआ था. जिसके बाद से इसका निर्माण कछुआ गति से चलता रहा. लेकिन आज 16 साल बाद भी इसका निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है. इसके निर्माण नहीं होने से बागबाहरा ब्लॉक के 5 गांवों के करीब 25 सौ एकड़ खेती प्रभावित हो रही है. किसानों को फसल उगाने में परेशानी हो रही है उन्हें पानी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पा रहा है. जिससे यहां के किसान काफी नाराज है.

प्रशासन द्वारा भी धरमपुर जलाशय को पूरा करने के लिए बजट में प्रावधान कर दिया गया है जल संसाधन विभाग द्वारा भी प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा दिया गया है. इसके बावजूद विगत 26 अप्रैल 2018 को विभाग ने अपने पत्र में 264 हेक्टेयर भूमि की प्रस्तावित सिंचाई के लिए 17 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण किए जाने का हवाला देकर योजना को औचित्य पर फिर विचार करने का सुझाव दिया है. इससे पता चलता है कि जलाशय का निर्माण कार्य पूरा होने की संभावना ही समाप्त हो गई.

जिससे नाराज किसानों ने आज सैकड़ों की संख्या में हाथों में बैनर पोस्टर रख रैली निकालकर कलेक्ट्रेट पहुंचकर घेराव कर दिया है. जलाशय निर्माण पूरा करने की मांग कर रहे है. उनका कहना है कि अचार संहिता लगने से पहले बांध शुरू नहीं किया गया तो किसानों द्वारा विधानसभा चुनाव का बहिष्कार कर दिया जाएगा. इस दौरान भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस प्रशासन भी मौजूद हो जोकि सड़क पर ही बेरिकेट लगाकर किसानों को रोक रखी है. किसानों के इश भीड़ को काबू करने की कोशिश भी कर रही है.

देंखे वीडियो…

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  • जिले के बागबाहरा विकासखंड क्षेत्र में धर्मपुर जलाशय का निर्माण वर्ष 2002 में प्रारंभ हुआ था जरा सा निर्माण के शीर्ष कार्य 80% पूर्ण हो चुके हैं केवल नाला क्लोजर और नहर निर्माण का मात्र 20% कार्य शेष रह गया है.
  • जलाशय के लिए कुल 117 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की जानी थी प्रारंभ में ही निजी क्षेत्र की 45.6 हेक्टेयर जमीन के एवज में कलेक्टर महासमुंद द्वारा वन विभाग को राजस्व भूमि का हस्तांतरण किया गया जा चुका है. भारत सरकार के वन और पर्यावरण मंत्रालय द्वारा भी 26 मार्च 2015 को प्लेन जारी किया जा चुका है.
  • आपके द्वारा भी धर्मपुर जलाशय को पूरा करने के लिए बजट में प्रावधान कर दिया गया है जल संसाधन विभाग द्वारा भी प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जा चुका है.
  • उल्लेखित कार्यवाहियों हो जाने के बाद विगत 26 अप्रैल 2018 को विभाग ने अपने पत्र में 264 हेक्टेयर भूमि की प्रस्तावित सिंचाई के लिए 17 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण किए जाने का हवाला देकर योजना को औचित्य पर फिर विचार करने का सुझाव दिया है. इससे पता चलता है कि जलाशय का निर्माण कार्य पूरा होने की संभावना ही समाप्त हो गई.