रायपुर। चुनाव नजदीक है एेसे में लल्लूराम डॉट कॉम का टीम चाहती है कि छत्तीसगढ़ की जनता इस विधानसभा चुनाव में बहकावे में आकर या भ्रमित होकर मतदान ना करे, इसलिए इस विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में जो राजनैतिक पार्टियां चुनावी दंगल में कूद रही है उनके बारे में एक छोटी सी जानकारी साझा की जा रही है ताकि जनता के सामने पार्टियों का लेखा जोखा आए और जनता अपनी सूझ-बूझ से मतदान करे ना की किसी के बहकावे में. इस चुनाव में भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, बसपा और जोगी कांग्रेस जनता चुनावी अखाड़े में आने वाली हैं हालाकि जोगी कांग्रेस और बसपा ने आपस में गठबंधन कर सेफ साइड में खेलना ज्यादा उचित समझा है.
आईए देखते हैं राजनीतिक पार्टीयों की संक्षिप्त जनकारी-
भारतीय जनता पार्टी– भारतीय जनता पार्टी, भारतीय जनसंघ की उत्तराधिकारी है जिसका 1977 में जनता पार्टी में विलय हो गया था. जनता पार्टी के आतंरिक मतभेदों के फलस्वरूप 1979 में जनता पार्टी सरकार गिरने के पश्चात 1980 में भारतीय जनता पार्टी का एक स्वतंत्र दल के रूप में उदय हुआ.इससे पहले 1977 से 1979 तक इसे जनता पार्टी के साथ के भारतीय जन संघ और उससे पहले 1951 से 1977 तक भारतीय जन संघ के नाम से जाना जाता रहा है.
विवादित–
- असहिष्णुता- बीजेपी पर असिहष्णुता का आरोप लगा. भारत में कलाकारों, लेखकों, शिक्षाविदों और वैज्ञानिकों ने कथित रूप से बढ़ रही असहनशीलता पर चिंता जताई और लेखकों से शुरू हुआ पुरस्कार वापसी का आंदोलन वैज्ञानिकों, इतिहासकारों और फ़िल्म कलाकारों तक फैल गया. भारत और विदेशों में शैक्षणिक संस्थानों से जुड़े तक़रीबन 200 शिक्षाविदों ने बढ़ती ‘असहिष्णुता और कट्टरपन’ के ख़िलाफ़ एक संयुक्त बयान जारी किया था.
- नोटबंदी- एक इंटरनेशनल किरकिरी. यह जल्दबाजी में लिया गया एक फैसला था जिससे उबरने में देश को 2 साल का समय लगा. लेकिन जिस उद्देश्य से नोटबंदी की गई थी वो कितनी सफल हुई ये सभी जानते हैं.
- राफेल डील- राफेल डील को लेकर बीजेपी पर भ्रष्टाचार के आरोप कांग्रेस की तरफ से लगाए गए.
उपलबधियां-
- स्वच्छ भारत मिशन- जिसने देश वासियों को सफाई का महत्व बताया, टायलेय का महत्व बताया गया लोगों को. WHO ने भी मोदी की तारीफ की.
- अंतरार्ष्ट्रीय योग दिवस– 21 जून को विश्व को दिया अंतराष्ट्रीय योग दिवस दिया.
- सर्जिकल स्ट्राइक– 28 सितंबर 2016 पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकवाद को करारा जवाब. दुनिया को दिखाया की अब ईंट का जवाब पत्थर दिया जाएगा और भारत अपनी सुरक्षा को लेकर बेहद संवेदनशील है.
कांग्रेस- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ की स्थापना 28 दिसम्बर, 1885 ई. में दोपहर बारह बजे बम्बई में ‘गोकुलदास तेजपाल संस्कृत कॉलेज’ के भवन में की गई थी. इसके संस्थापक ‘ए.ओ. ह्यूम’ थे और प्रथम अध्यक्ष व्योमेश चन्द्र बनर्जी बनाये गए थे. ‘भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस’ में कुल 72 सदस्य थे, जिनमें महत्त्वपूर्ण थे- दादाभाई नौरोजी, फ़िरोजशाह मेहता, दीनशा एदलजी वाचा, काशीनाथा तैलंग, वी. राघवाचार्य, एन.जी. चन्द्रावरकर, एस.सुब्रमण्यम आदि. इसी सम्मेलन में दादाभाई नौरोजी के सुझाव पर ‘भारतीय राष्ट्रीय संघ’ का नाम बदलकर ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस’ रख दिया गया था.
विवादित-
- 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाला- यह देश का सबसे बड़ा घोटला था. इसमें 1.96 लाख करोड़ का घोटाला हुआ था. जिसमें दूर संचार मंत्री ए.राजा पर निजी दूरसंचार कंपनियों को 2008 में बहुत सस्ते दरों पर 2 जी लाइसेंस जारी करने का आरोप लगा था.
- कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाला- यह 70 हजार करोड़ का घोटाला था. कॉमनवेल्थ गेम्स की तैयारियों और संचालन के लिए जो पैसा लगना था वो पैसा गया राजनेताओं, नौकरशाह और कंपनी के बड़े लोगों के पास. इस घोटाले के मुख्य आरोपी थे सुरेश कलमाड़ी.
- हेलीकॉप्टर घोटाला- इस घोटाले में देश के राजनेता, भारतीय वायु सेना के चीफ एयर मार्शल एसपी त्यागी और हेलीकॉप्टर निर्माता अगस्ता वेस्टलैंड के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे. कंपनी ने 610 मिलियन आमेरिकी डॉलर के 12 हेलीकाप्टरों की आपूर्ति में एक अनुबंध पाने के लिए रिश्वत दी थी.
उपलब्धियां-
- सूचना का अधिकार- सूचना का अधिकार अधिनियम 12 अक्टूबर, 2005 को लागू हुआ. भारत में भ्रष्टाचार को रोकने और समाप्त करने के लिये इसे बहुत ही प्रभावी कदम बताया जाता है.
- खाद्य सुरक्षा विधेयक – खाद्य सुरक्षा बिल की ख़ास बात यह है कि खाद्य सुरक्षा कानून बनने से देश की दो तिहाई आबादी को सस्ता अनाज मिलेगा. खाद्य सुरक्षा विधेयक के मसौदे के प्रावधानों के तहत देश की 63.5 प्रतिशत जनता को खाद्य सुरक्षा प्रदान की जाएगी.
- शिक्षा का अधिकार कानून- 6 से 14 वर्ष के सभी बच्चों को मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा देने के उद्देश्य से 1 अप्रैल 2010 को केंद्र सरकार ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम बनाया. इसे संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि कहा जा सकता है.
बहुजन समाजवादी पार्टी- बसपा का गठन उच्च प्रोफ़ाइल वाले करिश्माई दलित नेता कांशीराम द्वारा 14 अप्रैल, 1984में हुआ था. इस पार्टी का राजनीतिक प्रतीक (चुनाव चिह्न) एक हाथी है. वर्तमान में पार्टी की कमान मायावती के हाथों में है.
विवादित-
- जबरन वसूली के कई आरोप- पार्टी में रहते हुए कई बार बसपा विधायकों और कार्यकर्ताओं पर जबरन वसुली का आरोप लगा. उत्तरप्रदेश की जनता में बसपा कार्यकर्ताओं और विधायकों का खौफ था. ये खुले आम लोगों से वसूली करते, उत्तरप्रदेश में मायावती के कार्यकर्ता गुंडाराज करते, कहा जाता है कि मायावती की छत्र-छाया में ये सब होता रहा.
- कांशीराम की मौत की जिम्मेदार– कांशीराम की माता और बहन ने आरोप लगाया कि बसपा के संस्थापक कांशीराम की मायावती ने पद के लालच में हत्या कर दी और जीते जी कांशीराम को उनकी माता से नहीं मिलने दिया.
- नोट के बदले टिकट का आरोप– पार्टी में कई बार आंतरिक कलह खुलकर सामने आई. पार्टी के ही लोगों ने आरोप लगाए की पैसों के बदले टिकट दी जाती है.
उपलब्धियां-
- बहुजनों के लिए कई योजनाएं- बहुजन समाज पार्टी द्वारा प्रदेश की जनता के लिए कांशीराम शहरी समग्र विकास योजना, कांशीराम शहरी गरीब आवास योजना, महामाया गरीब बालिका आशीर्वाद योजना, सावित्रीबाई फुले बालिका शिक्षा मदद योजना, गरीब आर्थिक मदद योजना सहित अन्य कई जनहित की योजनाए चलाई गईं. इनसे सर्वजन समाज के गरीबों को समाज में बराबरी से जीने का हक और आत्मसम्मान मिला.
- मिला रोजगार– सरकार ने एक लाख से अधिक सफाईकर्मियों, 80,000 प्राथमिक शिक्षकों, 5,000 उर्दू शिक्षकों की नियुक्तियां की.
- विद्युत क्षमता बढ़ी– राज्य सरकार द्वारा विद्युत उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर तेजी से काम हुआ.
आम आदमी पार्टी- 2011 में अन्ना हजारे ने जनलोकपाल लाने के लिए एक जबर्दस्त आंदोलन किया इस आंदोलन में पूरा देश अन्ना के साथ था. इसी आंदोलन में अन्ना के साथ थे अरविंद केजरीवाल और उनके सहयोगी. जब आंदोलन से बात नहीं बनती दिखी तो अरविंद ने राजनीति का रूख करना ज्यादा बेहतर समझा और अपने सहयोगियों के साथ आम आदमी पार्टी बना कूद पड़े राजनीति के मैदान में.
विवादित-
- आरोप है कि आम आदमी पार्टी ने अपने काम पर ध्यान देने और शासन सुचारू रूप से चलाने की बजाय दूसरी पार्टीयों की पोल खोलने में ज्यादा समय दिया.
- दिल्ली की जनता को लोक लुभावन सपने दिखा, प्रदूषण में कमी के वादे कर सरकार भूल गई. आज भी दिल्ली की जनता जहरीली हवा में जी रही.
- आम आदमी पार्टी के पास सत्ता चलाने का अनुभव कम जिसके चलते पार्टी में आपस में ही लोगों के बीच मतभेद होेते हैं. ये तो एेसा ही है जैसे अपने घर में लगी आग को बूझाना छोड़ दूसरे के घर की आग देखने चले.
उपलब्धियां-
- सरकारी स्कूलो की बदली स्थिति– दिल्ली में सरकारी स्कूलों की हालत खस्ता थी. एेसे में आम आदमी पार्टी ने ना सिर्फ स्कूलों की स्थिति में सुधार किया बल्कि पढ़ाई के स्तर को भी काफी हद तक सुधारा है. अब सरकारी स्कूल प्राइवेट स्कूलों को भी टक्कर दे सकते हैं.
- स्वास्थ्य-36 बड़े और बहु-कार्यरत अस्पताल, जिनमे लगभग 11000 बेड उपलब्ध हैं, 160 मौहल्ला क्लिनिक, 243 दवाई घर, 43 मोबाइल क्लिनिक, 70 स्कूल क्लिनिक,मुफ्त चेक-अप और दवाइयाँ.
- पानी– 12 लाख से ज्यादा कनेक्शन, जिन्हें 20000 लीटर तक फ्री पानी दिया.
जनता कांग्रेस जोगी– कांग्रेस से विवाद के चलते अजीत जोगी ने 2016 में कांग्रेस से अलग होकर छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जोगी पार्टी बनाई. हालाकि विवाद के चलते पार्टी का नाम बदलकर जनता कांग्रेस जोगी किया गया. चूंकी ये नवनिर्मित पार्टी है इसलिए चुनाव के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी कि यह पार्टी जनता के हित में वाकई काम करेगी या फिर अन्य प्रार्टीयों की तरह ही उंचे दुकान फीके पकवान वाला हिसाब होगा.