दिल्ली. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कांग्रेस को एक बार फिर से बड़ा झटका लग सकता है. यूपीए सरकार में मंत्री रहे और राहुल गांधी की टीम में प्रमुख चेहरा रहे आरपीएन सिंह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. सूत्रों ने बताया कि नई दिल्ली में बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाएगी. दिलचस्प बात यह है कि एक दिन पहले ही कांग्रेस ने स्टार प्रचारकों की जो लिस्ट जारी की है उसमें आरपीएन सिंह का भी नाम है.
बता दें कि आरपीएन सिंह यूपी में पूर्वांचल के पडरौना के रहने वाले हैं. आरपीएन के जरिए बीजेपी एक तीर से दो निशाना साधने जा रही है. बीजेपी उन्हें स्वामी प्रसाद मौर्या के खिलाफ पडरौना से उतार सकती है. हालांकि, स्वामी के टिकट की घोषणा अभी नहीं हुई है.
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राहुल गांधी की टीम में एक और बड़ी सेंध
आरपीएन सिंह कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की टीम का अहम चेहरा रहे हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद, सचिन पायलट और आरपीएन सिंह को कभी राहुल के सबसे करीब बताया जाता है. बीजेपी सिंधिया और जितिन प्रसाद को पहले ही अपने पाले में ला चुकी है. माना जा रहा है कि आरपीएन सिंह के पाला बदलने में भी सिंधिया का अहम हाथ है.
स्वामी प्रसाद मौर्य बदल सकते हैं सीट
आरपीएन सिंह पडरौना राजघराने से आते हैं और कुशीनगर के आसपास इस राजघराने की पकड़ बेहद मजबूत है. पडरौना सीट भी कुशीनगर जिले में ही है, जहां से स्वामी प्रसाद मौर्य लड़ते रहे हैं. हाल ही में बीजेपी छोड़कर सपा में गए स्वामी प्रसाद मौर्य के सीट का ऐलान नहीं हुआ है. वहीं, सूत्रों का कहना है कि स्वामी को इस बात की खबर है कि आरपीएन बीजेपी में जा सकते हैं और पार्टी उन्हें पडरौना से चुनाव भी लड़वा सकती है. यही वजह है कि वह सपा नेतृत्व से अपनी सीट बदलने की मांग कर रहे हैं. वह किसी और सेफ सीट की तलाश में हैं.
कौन हैं आरपीएन सिंह ?
– स्वामी प्रसाद मोरी के खिलाफ पडरौना से चुनाव लड़ सकते हैं.
– पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व सांसद हैं.
– करीब 4 दशक से राजनीति में सक्रिय हैं.
– 3 बार विधायक और 1 बार सांसद रहे.
– यूपीए 2 में गृह राज्यमंत्री रहे.
– यूपी के कुशीनगर जिले के रहने वाले हैं.
– झारखंड में कांग्रेस के प्रभारी.
– यूपी यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं.
– पूर्व सांसद सीपीएन सिंह के बेटे हैं.
– 2009 में कुशीनगर से सांसद बने.
– 2014 और 2019 में लोकसभा चुनाव हार गए थे.
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बता दें कि पडरौना विधानसभा सीट से आरपीएन सिंह 1996, 2002 और 2007 में तीन बार कांग्रेस पार्टी से विधायक भी रह चुके हैं. आरपीएन सिंह 4 बार लोकसभा चुनाव में अपना भाग्य आजमा चुके हैं लेकिन सफलता सिर्फ एक बार मिली है.
1999 के लोकसभा चुनाव में आरपीएन सिंह तीसरे स्थान पर रहे थे. 2004 में वे दूसरे स्थान पर रहे थे. 2009 के लोकसभा चुनाव में रतनजीत प्रताप नारायण सिंह (आर.पी.एन. सिंह) चुनाव जीते और यूपीए-2 की सरकार में भूतल परिवहन व सड़क राज्यमार्ग राज्यमंत्री, पेट्रोलियम राज्य मंत्री व गृह राज्य मंत्री रहे. 2014 के लोकसभा चुनाव में आरपीएन सिंह को भाजपा प्रत्याशी राजेश पाण्डेय ने 85540 हजार मतों से पराजित किया था.
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