दिल्ली. जिसमहिला का हम जिक्र करने जा रहे हैं वो लाचार थी, वो दूसरों से मदद की गुहार लगाती थी, दुत्कार सहती थी। सांसों को बनाए रखने के लिए वो गली गली घूमती थी। अब वो इस दुनिया में नहीं है। लेकिन कुछ ऐसा कर गई जिस पर हर किसी को नाज है, पेशेवर रूप में वो भिखारी होते हुए भी लोगों के दिल में न केवल जगह बना चुकी है, बल्कि दिमाग पर अमिट छाप छोड़ गई है।

अजमेर की गलियों में वो रहती थी। भीख मांग कर गुजर बसर करती थी लेकिन उसे ये समझ थी कि बचत क्या होती है। भीख में मिले धन को वो बचाती रही और इस तरह से उसने कुल 6 लाख 60 हजार रुपये जोड़ लिए।

सबसे बड़ी बात ये है कि वो अपने घर वालों से कहा करती थी कि जब वो इस दुनिया को अलविदा कह देगी तो उसके बचाए पैसों को किसी नेक काम के लिए डोनेट कर दिया जाए। उस भिखारी महिला की इच्छा का सम्मान करते हुए उसके परिजनों ने 6 लाख 60 हजार रुपये का ड्राफ्ट बनवाया और पुलवामा हमले में शहीद जवानों के परिवारों को दान कर दिया।