फीचर स्टोरी। ये कहानी बेमेतरा के सांकरा की है. जहां गौठान में बहनें आमदनी अर्जित कर रही हैं. पशुपालक मालामाल हो रहे हैं. वर्मी खाद बनाया जा रहा है. महिलाएं फिनाइल बना रही हैं. गौठान में चारों ओर हरियाली छाई हुई है. महिलाएं भेड़ पालन भी कर रही हैं. अलग-अलग काम से पैसे कमा रही हैं. भूपेश सरकार की योजना सुराजी गांव के तहत फेब्रिक वर्क का काम भी किया जा रहा है. बेमेतरा जिले का सर्वश्रेष्ठ और आदर्श गौठानों में से एक है. जहां जिले की बहनें छोटे-छोटे व्यवसाय कर आत्मनिर्भर बना रही हैं.
गोधन न्याय योजना से हो रही कमाई
सुराजी गांव योजना के अन्तर्गत नरवा गरवा घुरवा अउ बाड़ी के संरक्षण और संवर्धन के लिए जिले में विशेष प्रयास किये जा रहे हैं और इसके बेहतर परिणाम भी सामने आ रहा है. ग्राम पंचायत सांकरा जनपद पंचायत बेरला से लगभग छः सात कि.मी. दूर रायपुर रोड पर स्थित है. गोधन न्याय योजना के अंतर्गत निर्मित सांकरा गौठान मुख्य मार्ग से लगा हुआ है.
गौठान में चारों ओर हरियाली
इस गौठान में एक आदर्श गौठान के लिये आवश्यक समस्त तत्व विद्यमान है। यहां के लगभग 235 पशु पालकों के 12929 पशु हैं. इस गौठान मे 44 वर्मी टांके में से 4 भरे हुये हैं. इस गौठान में लगभग 5 एकड़ रकबे में नेपियर घास लगाया गया है, जिसमें गौठान में चारों ओर हरियाली नजर आती है. इस गौठान को खूबसूरत बनाने के लिए दो एकड़ में 700 विभिन्न पौधों का रोपण किया गया है.
गौठान की हरियाली मोह लेगी मन
मुख्य मार्ग से गुजरते हुए इस गौठान की हरियाली मन को मोह लेती है. इसे एक आदर्श गौठान के रूप में विकसित किया गया है, जिसे कलेक्टर बेमेतरा ने गोद लिया है, जिससे इसके समग्र विकास का मार्ग प्रशस्त हो गया है. इसके समग्र विकास के लिए एक कार्य योजना तैयार की गई है. इस कार्य योजना के पूर्ण होने के बाद यह गौठान पूरे बेमेतरा जिले का सर्वश्रेष्ठ एवं आदर्श गौठान सह मल्टी क्वालिटी सेंटर बनने जा रहा है.
बिहान योजना के अंतर्गत कुल बारह समूह कार्यरत
सांकरा ग्राम पंचायत में बिहान योजना के अंतर्गत कुल बारह समूह कार्यरत है. इन समूहों में से गौठान में जुड़े समूह मुख्य रूप से महिला विकास स्व-सहायता समूह संघर्ष महिला स्व-सहायता समूह, जय मां बंजारी स्व-सहायता समूह, जय मां बम्लेश्वरी स्व-सहायता समूह, और समृद्धि स्व-सहायता समूह जुड़े हैं.
स्व-सहायता समूह भेंड़ पालन का कार्य कर रहा
महिला विकास स्व सहायता समूह गोबर से वर्मी कम्पोस्ट का कार्य कर रहा है. यह गौठान में ही अपना कार्य संपादित करता है. इस कार्य के अलावा यह समूह फिनाइल का भी निर्माण करता है. संघर्ष महिला स्व सहायता समूह फेब्रिक वर्क का कार्य पूरी क्षमता के साथ कर रहा है. जय मां बंजारी स्व-सहायता समूह गौठान के चारागाह में बाडी का विकास का कार्य कर रहा है. मां बमलेश्वरी स्व-सहायता समूह भेंड़ पालन का कार्य कर रहा है.
हैंडीकाफ्ट का काम कर रहा स्व सहयता समूह
गौठान से जुडा हुआ समृद्धि स्व सहयता समूह हैंडीकाफ्ट का काम कर रहा है. ये सारे समूह परोक्ष रूप से गौठान से जुडे हुए हैं और मल्टी एक्टिविटी सेण्टर के रूप में विकसित होने में अपना पूरा योगदान दे रहा है. सांकरा गौठान में 1873 क्विंटल के लगभग गोबर कय किया गया. इसमें 560.10 क्विंटल वर्मी खाद का उत्पादन हुआ, जिसमें से 455.50 क्विंटल वर्मी खाद बेची गई.
मुर्गी पालन और अगरबत्ती का निर्माण
वर्तमान में 104 क्विंटल के लगभग वर्मी खाद शेष हैं. आज इस गौठान से जुड़े ये समूह अपने पैरो में खड़े होने की दिशा में आगे बढ़ रहें हैं. उनके चेहरों में सफलता की आभा देखी जा सकती है. समूह की बहनें उत्साहित होकर कहती हैं कि वे भविष्य में और भी समूहो को जोड़कर मुर्गी पालन, अगरबत्ती निर्माण, मशरूम उत्पादान और फल निर्माण जैसी गतिविधियों से जोडकर इस गौतान को एक अनुकारणीय आदर्श गौठान बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है.
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