बेमेतरा. छत्तीसगढ़ में ठंड दस्तक दे चुके हैं. ऐसे में दुर्गम वनांचल में रह रहे आदिवासी परिवार की सुध लेने पिछले 6 साल से काम कर रहा बेमेतरा का समाजसेवी संगठन वस्त्रदान की अपील कर रहा है. समिति का कहना है कि खुद जाकर या किसी अन्य माध्यम से इस ठंड के मौसम में वनांचल क्षेत्रों में जरुरतमंदों तक गर्म कपड़े पहुंचाएं.
बीते दिनों छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश सीमा से लगे दूरदराज के 1656 लोगों को वस्त्रदान के तहत एक कंबल, दो धोती, महिलाओं को दो साड़ियां दी गई. वस्त्रदान समिति के संयोजक डॉ. अविनाश तिवारी ने बताया इस पुनीत कार्य के लिए समिति प्रदेश के बेमतरा, दुर्ग, बिलासपुर, कोरबा ओर कवर्धा जिले के 30 सक्रिय सदस्यों के माध्यम से कलेक्शन का काम करती है. उन्होंने बताया हमारा उद्देश्य ऐसे अभावग्रस्त गांव तक पहुंचाना होता है, जहां सुविधाएं आसानी से नहीं पहुंचती है. इसलिए जिला मुख्यालय से 100 किमी दूर पहुंंचकर वहां से मुख्य सड़क से 30-35 किलोमीटर अंदर के गांव तक हमारे साथी कपड़े लेकर पहुंंचते हैं.
लोगों से सहयोग करने की अपील
उमाशंकर वैष्णव ने बताया कि इस पहल से गरीब वर्ग के लोगों को राहत मिल रही है. उन्होंने जिले के अन्य लोगों को इस पहल में सहयोग करने की अपील की है. वर्तमान में जिन गांव में ये पहल की गई है, वे सभी गांव बैगा बाहुल्य हैं. अनिल शर्मा ने बताया हमने नि:स्वार्थ सेवा के उद्देश्य से कार्य शुरू किया है. समिति में सभी सदस्य सामान्य परिवार से आते हैं. शिक्षक से लेकर मैकेनिक तक शामिल हैं. समिति का विस्तार जारी है. लोग आकर जुड़ रहे हैं. लक्ष्य है कि हम बस्तर क्षेत्रों के वनवासियों तक पहुंचे. जिसके लिए जमीनी कार्यकर्ताओं का होना बहुत जरूरी है.
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