रोहित कश्यप, मुंगेली। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा अनुरूप मुंगेली के जिला अस्पताल में लोगो को कलेक्टर के निर्देश पर अस्पताल पर प्रबंधन के द्वारा बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराई जा रही है. विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम के द्वारा प्रसव से लेकर सर्जरी व प्रत्यारोपण जैसे जटिल कार्यो से अब जिला अस्पताल के प्रति लोगो का विश्वास बढा है। ज़िला अस्पताल में यह सब संभव हो रहा है.

आधुनिक उपकरण और यहां पदस्थ विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम का सेवा भाव एवं हॉस्पिटल प्रबंधन की मॉनिटरिंग की वजह से यहां के अनुभवी प्रशासनिक एवं काबिल डॉक्टरों की टीम अब मरीजो को मेडिकल कॉलेज में मिलने वाली स्वाथ्य राहत दे रहे हैं.

इसी कड़ी में 70 वर्षीय, जरहागाँव निवासी देवकी कश्यप एवं 75 वर्षीय रसलपुर निवासी बोधन कोल काफ़ी समय से अपने घुटनों के दर्द, टेढ़ेपन एवं चलने में असमर्थ होने से परेशान थे। कई शहरी एवं झोलाछाप डॉक्टरों के चक्कर काटने के बाद भी उन्हें दर्द में कोई आराम नहीं मिल पाया था। तब उन्हें एक परिचित ने ज़िला अस्पताल मुँगेली में अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ श्रेयांश पारख से मिलने की सलाह दी।

डॉक्टर पारख ने अधिक उम्र एवं वजन के कारण दायें घुटने के जोड़ के पूरी तरह ख़राब हो जाने की जानकारी देते हुए घुटना प्रत्यारोपण के आपरेशन की सलाह दी।वृद्ध मरीज़ एवं परिवार, आपरेशन सुनकर चिंतित हुए लेकिन डॉ पारख ने उन्हें शल्य क्रिया से संबंधित संपूर्ण जानकारी देते हुए आश्वश्वित किया।

कलेक्टर राहुल देव एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी देवन्द्र पैकरा के कुशल मार्गदर्शन एवं सिविल सर्जन डॉ रॉय के सहयोग से एक सप्ताह के अंदर दोनों मेरीजो के घुटनों का सफल प्रत्यारोपण निःशुल्क कर, डॉ श्रेयांश पारख एवं टीम ने मेरीजो को राहत पहुँचाई। वृद्ध मरीज़ एवं परिवार ने सर्जिकल टीम एवं अस्पताल प्रबंधन का आभार व्यक्त किया।

इससे पहले दोनों कूल्हे का किया गया था जटिल और सफल प्रत्यारोपण

ज्ञात हो कि हाल ही में ज़िला अस्पताल में 30 वर्षीय चाँपा निवासी जॉर्डन पैगवार के दोनों कूल्हों का प्रत्यारोपण डॉ श्रेयांश पारख एवं टीम ने सफलता पूर्वक किया था।
अस्पताल मैनेजर सुरभि केशरवानी ने बताया कि जोड़ प्रत्यारोपण एक जटिल शल्य क्रिया हैं और सरकारी अस्पताल में अब तक सिर्फ़ मेडिकल कॉलेज स्तर पर ही संभव हो पाता था।

प्राइवेट अस्पतालों में ऐसे आपरेशन पर लाखों रुपये खर्च करने पड़ते हैं। पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में मुँगेली ज़िला अस्पताल पहला एवं एक मात्र ज़िला अस्पताल बन चुका हैं जहां ऐसी जटिल शल्य क्रिया का लाभ, डॉ पारख एवं टीम के प्रयास से, मरिजो को अपने निवास ग्राम के निकट ही निःशुल्क मिल पा रहा है।

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