जामुन बाज़ार में मिलने लगा है और ये बेहद फायदेमंद और औषधीय गुणों से भरपूर फल है. यह सिर्फ स्वादिष्ट नहीं बल्कि डायबिटीज, पाचन, लिवर और स्किन के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है. लेकिन अगर इसे गलत तरीके से खाया जाए तो इसके लाभ कम और दुष्प्रभाव ज्यादा हो सकते हैं. आइए जानते हैं जामुन खाने का वैज्ञानिक और पारंपरिक (आयुर्वेदिक) तरीका, ताकि आप इसका पूरा लाभ ले सकें.

खाली पेट न खाएं
क्यों नहीं-जामुन में टैनिन और एसिड होते हैं जो खाली पेट लेने पर पेट में जलन या एसिडिटी पैदा कर सकते हैं. सही समय-खाने के 1-2 घंटे बाद या दोपहर के समय लें.
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थोड़ा काला नमक मिलाकर खाएं
फायदा-यह पाचन में मदद करता है और एसिडिटी से बचाता है. कैसे खाएं-कुछ जामुन लेकर ऊपर से थोड़ा सा काला नमक और भुना जीरा छिड़कें.
जामुन खाने के तुरंत बाद पानी न पीएं
क्यों-इससे गले में खराश, सर्दी या पाचन समस्या हो सकती है. कब पानी पिएं-जामुन खाने के 30–40 मिनट बाद ही पानी पीएं.
जामुन की गुठली को फेंकें नहीं
आयुर्वेद में उपयोग-गुठली को सुखाकर उसका पाउडर डायबिटीज और पेशाब संबंधी समस्याओं में लाभकारी माना गया है.
कैसे बनाएं-गुठली सुखाकर पीस लें और रोज सुबह खाली पेट 1 चुटकी गुनगुने पानी से लें (डॉक्टर की सलाह से).
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सीमित मात्रा में खाएं
क्यों-अत्यधिक जामुन खाने से कब्ज, गले में खराश या त्वचा पर रिएक्शन हो सकता है. कितना खाएं-दिन में लगभग 100–150 ग्राम (एक मुट्ठी भर) पर्याप्त होता है.
जामुन के प्रमुख फायदे
- जामुन और उसकी गुठली इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाते हैं.
- फाइबर, टैनिन और एस्ट्रिंजेंट गुण होने के कारण पाचन में सुधार करते हैं.
- एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर, लिवर को साफ रखने में हेल्प करते हैं.
- विटामिन C, आयरन और एंटीऑक्सिडेंट्स स्किन को ग्लोइंग बनाते हैं.
- खून को शुद्ध करता है और शरीर में ठंडक देता है.
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