Bengaluru Murder Case: बेंगलुरु गौरी मर्डर केस में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. जांच में पता चला है कि राकेश खेडेकर ने अपनी पत्नी गौरी को छह बार चाकू मारने के बाद उसे मरा समझ कर सूटकेस में पैक कर दिया था, जबकि उसकी सांसें चल रही थी. अपनी पत्नी को सूटकेस में पैक करने के बाद उसे मरा समझ कर राकेश उससे देर तक बातें करता रहा और उधर गौरी सूटकेस के अंदर सांस लेने के लिए छटपटाती रही.

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बता दें कि बेंगलुरु के रहने वाले राकेश और गौरी की शादी करीब दो साल पहले हुई थी. दोनों मूल रूप से महाराष्ट्र के रहने वाले थे, लेकिन काम-काज के सिलसिले में दो महीने पहले ही बेंगलुरु शिफ्ट हुए थे. दोनों के बीच दिक्कत ये थी कि अक्सर छोटी-मोटी बातों को लेकर लड़ाइयां हुआ करती थीं. ऐसा तब भी जब दोनों एक दूसरे को शादी के पहले से जानते थे. दोनों ने लव मैरिज की थी. यही रोज-रोज का झगड़ा किसी रोज दोनों में से एक की मौत की वजह बन जाएगा, किसी ने ये नहीं सोचा था.

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रोजाना कीत तरह 26 मार्च की रात को भी दोनों के बीच फिर से किसी बात को लेकर लड़ाई हुई. रोजाना की अपनी आदत के मुताबिक गौरी ने अपने पति राकेश को पीटना शुरू कर दिया, लेकिन राकेश ने अब से पहले कभी गौरी की इन हरकतों पर ज्यादा प्रतिक्रिया नही दी थी. हालांकि इस दिन न जाने राकेश को क्या हुआ, लड़ाई के वक्त वह किचन से जाकर चाकू उठा लाया और उसने उसी चाकू से गौरी पर ताबड़तोड़ वार करने शुरू कर दिए. हमले के बाद देखते ही देखते गौरी बेहोश होकर फर्श पर गिर पड़ी. इस हमले से उसकी जान जा चुकी थी.

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राकेश ने आनन-फानन में घर में रखा बड़ा सा सूटकेस निकाला, उसे खाली किया और उसमें गौरी की लाश ठूंस कर भर दी. वह रात को ही निकल जाना चाहता था, लेकिन किस्मत को यह मंजूर नहीं था. सूटकेस का हैंडल टूट कर उसके हाथों में आ गया. ऐसे में वह अब सोच में पड़ गया कि बगैर हैंडल के इतनी भारी सूटकेस को घसीटना और उसमें रखी लाश को ठिकाने लगाना उसके लिए कठिन है. वो देर रात तक सूटकेस के पास बैठ कर गौरी की लाश से बातें करता रहा.

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लेकिन उस रात जब गौरी को चाकू मारने के बाद उसे सूटकेस में पैक कर ठिकाने लगाने की कोशिश में लगा था, तब तक गौरी जिंदा थी. यहां तक कि जब राकेश देर रात तक गौरी को लाश समझ कर उससे अकेले में बातें करता रहा, तब भी गौरी की सांसें चल रही थीं. अगली सुबह 27 मार्च को राकेश ने गौरी को वहीं सूटकेस में पैक छोड़ कर अपनी कार से होमटाउन पुणे का रास्ता ले लिया, जिससे राकेश के प्लान में पानी फिर गया.

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