रायपुर. कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे एक तरफ जिले के सभी स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए प्रयास कर रहे हैं. छात्रों को पढ़ाई में किसी प्रकार की समस्या ना हो इसके लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित भी कर रहे हैं. लेकिन दूसरी तरफ आरंग विकासखंड शिक्षा अधिकारी (BEO) एन.पी.कुर्रे अपने पद का दुरुपयोग कर मनमानी करने में लगे है. उन्होंने एक व्याख्याता को अपने आदेश पर कार्यालय अटैच किया है, जो नियम विरुद्ध है.

इसके अलावा प्राथमिक स्कूल की महिला सहायक शिक्षक कई महीनों से स्कूल नहीं आ रही हैं, लेकिन विकासखंड शिक्षा अधिकारी एन.पी. कुर्रे सहायक शिक्षक पर इतने मेहरबान हैं कि उन पर ना तो कोई कार्रवाई की गई है. उल्टा उस सहायक शिक्षक को समय पर वेतन भी मिल रहा है.

अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर दिया आदेश

पहला मामला चंदखुरी के अंनत राम बर्छिहा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का है. यहां पदस्थ व्याख्याता विजय डहरिया को विकासखंड शिक्षा अधिकारी (BEO) ने आदेश जारी कर अपने कार्यालय में अटैक कर लिया है. जबकि स्कूल में अभी अर्धवार्षिक परीक्षाएं जारी है. बता दें कि व्याख्याता शिक्षक को आदेश देने का अधिकार विकासखंड शिक्षा अधिकारी को नहीं है. इसके बाद भी आरंग विकासखंड शिक्षा अधिकारी एन.पी.कुर्रे ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए व्याख्याता विजय डहरिया को कार्यालय में अटैच किया है.

अनुपस्थित शिक्षक पर अनुकंपा

वहीं दूसरा मामला शासकीय प्राथमिक शाला बोड़रा का है. स्कूल की सहायक शिक्षक हेमलता यादव कई महीनों से अनुपस्थित हैं. लेकिन विकासखंड शिक्षा अधिकारी एन.पी.कुर्रे द्वारा अभी तक अनुपस्थित सहायक शिक्षक पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई है. बकायदा उस सहायक शिक्षक को वेतन भी दिया जा रहा है. ग्राम बोड़रा के सरपंच उमाशंकर चंद्राकर ने बताया कि सहायक शिक्षक हेमलता यादव बीते जुलाई महीने से अनुपस्थित है. जिसके कारण स्कूल में पढ़ाई प्रभावित हो रही है. वर्तमान में बच्चों की परीक्षा भी चल रही है. उन्होंने इसकी जानकारी स्थानीय मंत्री कार्यालय में भी दी है. उन्होंने बताया कि अनुपस्थित रहने के बाद भी सहायक शिक्षक हेमलता यादव को वेतन जारी हो रहा है. उन्होंने अनुपस्थित सहायक शिक्षक पर जांच और कार्रवाई की मांग की है.

वहीं इन दोनों मामले में विकासखंड शिक्षा अधिकारी एन.पी. कुर्रे भागते नजर आए. उन्होंने मीडिया के सामने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया और सवालों के जवाब दिए बगैर चले गए. अब देखने वाली बात है कि आरंग विकासखंड शिक्षा अधिकारी एन.पी.कुर्रे के कारनामो पर शासन-प्रशासन क्या कार्रवाई करता है.