Heart Surgon in Raipur: प्रतीक चौहान. रायपुर. कार्डियक सर्जरी का नाम सुनते ही दिमाग में सबसे पहले ओपन हार्ट सर्जरी का नाम आता है. लेकिन मिनिमली इनवेसिव कार्डियक सर्जरी की नई तकनीक आने के बाद अब मरीजों को ओपन हार्ट सर्जरी कराने की जरूरत नहीं पड़ रही है. बल्कि कुछ खास उपकरणों की मदद से एक सर्जन छोटे से चीरे के जरिए हार्ट सर्जरी कर सकता है. इस तकनीक की मदद से मोवा स्थित श्री बालाजी हॉस्पिटल में कई मरीजों की सफल हार्ट सर्जरी की गई है.

डॉ विवेक वाधवा

कार्डियक सर्जरी में डॉ  विवेक वधवा को 10 वर्षों से अधिक का अनुभव है. इन्हे मिनिमल इनवेसिव कार्डियक सर्जरी  (कीहोल सर्जरी) के अनुभवी विशेषज्ञ माना जाता है.  इन्होने  अब तक 5000  से ज्यादा सफल कार्डियक सर्जरी कर चुके है. बाई- पास सर्जरी, मिनिमल इनवेसिव कार्डियक सर्जरी (कीहोल सर्जरी), कोरोनरी आर्टरी सर्जरी , एरोटिक सर्जरी, वाल्वुलर हार्ट सर्जरी (वाल्व रिपेयर एवं रिप्लेसमेंट ), कंजेनिटल  (बच्चो की  हार्ट सर्जरी) मे डॉ विवेक वधवा को महारत  हासिल है. (Heart Surgon in Raipur)  

श्री बालाजी हॉस्पिटल के कार्डियक सर्जन डॉ. विवेक वाधवा ने बताया कि पारंपरिक ओपन हार्ट सर्जरी में लगभग 8 से 10 इंच का चीरा लगाया जाता है. लेकिन मिनिमल इनवेसिव तकनीक से अधिकांश मामलों में वहीं सर्जरी लगभग 2.5 इंच के चीरे से की जा सकती है. डॉ. वाधवा ने कहा कि मिनिमली इनवेसिव तकनीक का उपयोग कर दिल की कई बीमारियों का इलाज किया जा सकता है. जैसे बाईपास सर्जरी, वॉल्व रिपेयर एंड रिप्लेसमेंट और दिल के छेद जैसे मामले. उनके मुताबिक इस तकनीक की कुछ सीमाएं भी हैं क्योंकि इमरजेंसी में और हर मरीज के लिए हर परेशानी के लिए इसका उपयोग नहीं किया जा सकता.

क्या है मिनिमली इनवेसिव कार्डियक सर्जरी के फायदे

  • छाती की मुख्य हड्डी काटनी नहीं पड़ती.
  • ऑपऱेशन के बाद मरीज की रिकवरी तेजी से होती है.
  • सामान्य सर्जरी के मुकाबले दर्द काफी कम होता है.
  • इंफेक्शन का खतरा काफी कम होता है.
  • अस्पताल से जल्द छुट्टी.
  • नार्मल लाईफ में 1 हफ्ते में लौट सकता है मरीज.