अजय शर्मा,भोपाल। केंद्र सरकार का अब बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना से मोहभंग हो गया है, जो कभी भाजपा की चुनावी जीत की गारंटी हुआ करती थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की हकीकत सामने आई है. ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना मध्यप्रदेश में दम तोड़ती नजर आ रही है. इसके पीछे का कारण है कि मध्य प्रदेश को केंद्र सरकार ने बेटियों के योजना के लिए सिर्फ 103 लाख रुपए दिया है. जानकारों की मानें तो इस योजना के लिए पिछले कई सालों के मुकाबले इस साल ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर केंद्र सरकार की तरफ से बजट दिया गया है. ऐसे में सवाल है कि कैसे बेटियां बचेंगी और बेटियां कैसे पढ़ेंगी.

केंद्र ने शुरू की थी योजना

जानकारी के मुताबिक साल 2015 में इस योजना की शुरुआत केंद्र सरकार ने की थी. इस योजना का मकसद था कि बेटियों को आगे बढ़ने और पढ़ने के लिए राज्य और केंद्र सरकार मिलकर काम करेंगी. इस योजना को लेकर कई सालों में करोड़ों का बजट जारी किया है, लेकिन इस साल सिर्फ 103 लाख ही योजना के लिए जारी किया गया है. 3 सालों के बजट के आंकड़ों को देखते हुए स्पष्ट है कि मध्य प्रदेश को पिछले साल की तुलना में सिर्फ 20 फीसदी ही बजट जारी किया है. साल 2020 में केंद्र सरकार ने 753 लाख रुपए दिए थे. यानी इस साल बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ योजना के लिए 655 लाख रुपए की कटौती की गई है.

छोटे राज्यों को मिला ज्यादा बजट

मजे की बात है कि मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्य को सिर्फ 103 लाख दिए गए हैं. नागालैंड और मणीपुर जैसे छोटे राज्यों को भी मध्यप्रदेश से ज्यादा बजट दिया गया है. ऐसे में सवाल है कि केंद्र सरकार मध्यप्रदेश के साथ भेदभाव कर रही है, जबकि प्रधानमंत्री मध्यप्रदेश की तारीफ कर चुके हैं कि बेटों की अपेक्षा बेटियों का जन्म का प्रतिशत बढ़ गया है. ऐसे में इस योजना को आगे बढ़ाने में राज्य सरकार को भी अतिरिक्त बजट देना होगा.

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बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ योजना का बजट

केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश सरकार को साल 2018-2019 में 356. 85 लाख रुपए का बजट दिया था. साल 2019-2020 में 758. 69 लाख और साल 2020-2021 में 103. 29 लाख रुपए का बजट बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के लिए दिया गया है. जो कि पिछले सालों की तुलना में काफी कम हैं.

योजना के बजट पर सियासत

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के लिए सिर्फ 20 प्रतिशत बजट दिए जाने के सवाल पर बीजेपी प्रवक्ता का नेहा बग्गा का तुर्रा गजब का है. उनका कहना है कि देश ने ऐतिहासिक बजट देखा है. साल 2005 की तुलना में 11 फ़ीसदी से अधिक बजट बढ़ा है. बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ योजना में भले ही कटौती की गई है, लेकिन पोषण आहार और कई अन्य योजना में अच्छा बजट दिया है हालांकि बीजेपी प्रवक्ता ने यह नहीं बताया कि आखिर किन कारणों की वजह से प्रधानमंत्री की सबसे महत्वकांक्षी योजना का बजट कम क्यों किया गया है. जबकि साल 2019 में मध्यप्रदेश को इस योजना के तहत देश भर में प्रथम स्थान दिया गया था.

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कांग्रेस ने बोला हमला

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोला है. कांग्रेस का कहना है कि सरकार सिर्फ शाब्दिक लीपापोती के माध्यम से योजनाओं को क्रियान्वित कर रही है. कांग्रेस ने इस मामले को लेकर सरकार पर कई गंभीर आरोप भी लगा दिए. कांग्रेस ने कहा कि बेटियों की शादी के नाम पर मध्यप्रदेश में घोटाला हुआ है. सीधे तौर पर प्रधानमंत्री से ही सवाल पूछा कि मध्य प्रदेश को बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ अभियान के तहत बजट कम क्यों दिया गया है. इसके अलावा कांग्रेस ने एक आरोप और भी लगाया कि इस योजना के लिए सिर्फ 1 करोड़ रुपए दिए गए हैं. इतना तो बाबू ही खा जाते हैं.

उठ रहे सवाल

बहरहाल सवाल यही है कि आखिर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का सरकार का सपना कैसे पूरा होगा. क्योंकि जरूरत के मुताबिक बजट ही नहीं है. ऐसे में राज्य सरकार को भी इस अभियान के तहत बजट देना होगा. हालांकि सरकार का दावा है कि पंख योजना के तहत भी बेटियों को सशक्त बनाने के लिए काम किया जा रहा है, लेकिन जवाब नहीं है कि आखिर बजट में कटौती क्यों की गई ?

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