मनोज यादव, कोरबा। देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू फैलने के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी इसकी आहट सुनाई दे रही है। बालोद जिले में दर्जन भर से ज्यादा कौओं की मौत की खबर के बाद अब कोरबा जिले से 36 कबूतरों के मरने की खबर आ रही है। एक साथ इतनी बड़ी संख्या में कबूतरों के मरने से जिले में हड़कंप मच गया है। मामला संज्ञान में आने पर पशु चिकित्सा विभाग मौके पर पहुंचकर शुरुआती जांच की।
कोरबा के एसईसीएल कॉलोनी सुभाष ब्लॉक में रहने वाले बबलू मारवाह ने काफी समय से अपने घर में कबूतर पाल रखे हैं। इनकी संख्या वर्तमान में सैकड़ों में है। इसी में से 36 कबूतर बारी-बारी से मर गए। इससे वह सकते में आ गए हैं। इस बारे में बबलू ने पशु चिकित्सा विभाग को सूचित किया।
वेटरनरी डिपार्टमेंट के डॉक्टर सोहन सिंह गुर्जर और उनके सहयोगी मौके पर पहुंचे जरूरी जांच की। इसमें पाया गया कि कबूतरों की मौत के पीछे बर्ड फ्लू जैसा लक्षण नहीं है और ना ही कोई कारण। सामान्य तौर पर बर्ड फ्लू में पक्षियों के आंख और नाक से पानी आने और मलद्वार में सूजन होने सहित पंखों के झड़ने की स्थिति निर्मित होती है। इस मामले में ऐसा कुछ नहीं हुआ। विभाग ने माना कि विटामिन सी की कमी से 36 कबूतरों की मौत हुई है।
बर्ड फ्लू के मद्देनजर विभाग ने पक्षी पालकों से कहा है कि अगर पक्षियों के मुंह और आंख से पानी आने जैसी समस्या नजर आए तो जल्द इसकी जानकारी विभाग को दें। इसके अलावा पक्षियों की मौत होने पर भी अवगत कराया जाए। ऐसा करने से समय पर नियंत्रण किया जाना संभव होगा।
आपको बता दें बालोद जिले में बड़ी संख्या में कौओं की मौत की बात सामने आई है। कौओं की मौत के बाद जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है वहीं सैंपल जांच के लिए भोपाल भेजा गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल पाएगा कि वहां कौओं की मौत बर्ड फ्लू की वजह से हुई है या फिर कोई और वजह।