दिल्ली. इंसान के शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ जाने को मधुमेह यानी डायबिटीज कहा जाता है। तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के उस्मानिया जनरल अस्पताल के डॉक्टरों समेत शोधकर्ताओं की एक टीम ने डायबिटीज के इलाज का एक ‘आध्यात्मिक’ तरीका ढूंढ निकाला है। और इसका स्रोत है भगवद्गीता।
शोधकर्ताओं का कहना है कि भगवद्गीता में अर्जुन और भगवान कृष्ण के बीच हुए संवाद को बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल किया जा सकता है, खास तौर पर डायबिटीज जैसी पुरानी बीमारियों के इलाज में। शोधकर्ताओं का इशारा भगवद्गीता के श्लोकों की ओर है जो जीवन में विभिन्न परिस्थितियों के बारे में विस्तार से बताते हैं।
शोधकर्ताओं ने कहा, “गीता नकारात्मक स्थितियों की पहचान करती है और उनसे लड़ने के लिए सकारात्मक तरीका बताती है, भगवान कृष्ण ने बताया और अर्जुन ने उसका पालन किया।”
शोधकर्ताओं ने बताया कि डायबिटीज एक लाइफस्टाइल बीमारी है यानी वह आपके जीवनशैली से जुड़ी हुई है। इसलिए इसके इलाज के लिए यह जरूरी हो जाता है कि जीवन शैली में पूरी तरह से बदलाव किया जाए, जिसमें खानपान और कसरत जैसी बुनियादी गतिविधियों में भी बदलाव होना चाहिए।
शोधकर्ताओं ने कहा कि भगवद्गीता की शिक्षाओं का उपयोग कर इसका सामना करने में मदद मिल सकती है। यह अध्ययन इंडियन जर्नल ऑफ एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित हुआ है। इस अध्ययन में देश और विदेश के कई अस्पतालों और रिसर्च इंस्टीट्यूट्स के डॉक्टर और शोधकर्ता शामिल थे।