भुवनेश्वर : ओडिशा में दोहरे चुनावों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता भक्त चरण दास ने पार्टी की राज्य इकाई की प्रचार समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे पत्र में उन्होंने कहा, “मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए कड़ी मेहनत की, लेकिन दुर्भाग्य से हम उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए। मैं ओडिशा में विधानसभा और लोकसभा चुनाव में अपेक्षित संख्या में सीटें न मिलने की नैतिक जिम्मेदारी लेता हूं।” दास ने चुनाव के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और एआईसीसी के अन्य वरिष्ठ नेताओं से मिले समर्थन और सहयोग की भी सराहना की।

भक्त दास

हालांकि कांग्रेस का ‘नौ से 90’ का मिशन राज्य में बुरी तरह विफल रहा, लेकिन हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में इसने अपनी संख्या में थोड़ा सुधार करते हुए 14 सीटें हासिल कीं। इसने पिछले चुनावों में जीती गई एकमात्र कोरापुट लोकसभा सीट को भी बरकरार रखने में कामयाबी हासिल की।

पार्टी ने रायगढ़ जिले की सभी विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की, जबकि पूर्व विधायक मोहम्मद मोकिम की बेटी सोफिया फिरदौस और तारा प्रसाद बहिनीपति ने क्रमशः जयपुर और कटक-बाराबती सीट बरकरार रखी। हालांकि, ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओपीसीसी) के अध्यक्ष शरत पटनायक और दास जैसे दिग्गज नुआपाड़ा और नरला विधानसभा क्षेत्रों से अपने बीजद समकक्षों से हार गए। पूर्व ओपीसीसी अध्यक्ष निरंजन पटनायक भी भंडारीपोखरी सीट से बीजद के संजीव मलिक से 1,551 मतों के अंतर से हार गए। कांग्रेस का वोट शेयर भी 2019 में 16.12 प्रतिशत से घटकर इस चुनाव में 13.32 प्रतिशत रह गया।

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H