बृजमोहन अग्रवाल ने बताया छत्तीसगढ़ सरकार और झारखंड सरकार की मिलीभगत

रायपुर। भानुप्रतापपुर उप चुनाव में भाजपा प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम की गिरफ्तारी के लिए झारखंड पुलिस द्वारा दी जा रही दबिश के बीच पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि न कोई नोटिस, न कोई सूचना, एक भी समन जारी नहीं किया गया. कांग्रेस हार के डर से कार्रवाई कर रही है. पूरी घटना राजनीति से प्रेरित है. . इसे भी पढ़ें : भानुप्रतापपुर उपचुनाव : मतदान से पहले ‘जिला नहीं तो वोट नहीं’ के लगे बैनर, लोकल व्हाट्सएप ग्रुप में ट्रेंड कर रहा मुद्दा…

ब्रह्मानंद नेताम की गिरफ्तारी को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बयान पर पलटवार करते हुए डॉ. रमन सिंह ने कहा कि षड्यंत्र का आरोप इसलिए लगाया जा रहा है क्योंकि 3 साल तक आखिर क्यों गिरफ्तारी नहीं की गई. पास्को एक्ट में 24 घंटे में कार्रवाई की जाती है, फिर भी झारखंड की पुलिस 3 साल तक इंतजार करती रही. पूरी घटना राजनीति से प्रेरित है. गलत हो रहा है. भारतीय जनता पार्टी इसका विरोध करेगी.

वहीं ईडी-आईटी के सीएम बघेल का बयान पर रमन सिंह ने कहा कि इतना बड़ा कोल घोटाला ईडी ने प्रमाणित किया है. आज तक किसी मुख्यमंत्री ने एक साथ इतने ट्वीट नहीं किए हैं. आखिर इतनी बेचैनी और घबराहट क्यों है? ईडी अपनी कार्रवाई कर रही है.

जेल होने पर जनता और कार्यकर्ता दिलाएंगे जीत

वहीं इस मामले पर भानुप्रतापपुर उपचुनाव प्रभारी बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि तीन साल से इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई. मोहन मरकाम का पीड़िता का नाम उजागर करना, इस प्रकार गिरफ्तारी का मामला सामने आना, चुनाव में प्रत्याशी के खिलाफ कार्रवाई करना, लोकतंत्र की हत्या है. भाजपा इससे डरने वाली नहीं है. अगर हमारे प्रत्याशी को जेल हुई तो फिर यहां की जनता व कार्यकर्ता मिल कर ब्रम्हानंद नेताम को चुनाव जिताएंगे.

ब्रह्मानंद को प्रत्याशी घोषित करने से हिल गई कांग्रेस

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि जिस दिन से हमने ब्रह्मानंद नेताम को अपना प्रत्याशी घोषित किया है उसी दिन से पूरी कांग्रेस सरकार हिल गई है. पहले दिन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने जब ये आरोप लगाते हुए बयान व कागजात जारी किए, तभी से यह समझ में आ गया था कि यह छत्तीसगढ़ सरकार और झारखंड सरकार की मिलीभगत है.

पूरे आदिवासी समाज को किया अपमानित

बृजमोहन अग्रवाल ने आगे यह भी कहा कि, इस सरकार ने आदिवासी समाज के एक भोले-भाले नेता के ऊपर आरोप लगाकर तथा चुनावी माहौल में उसकी गिरफ्तारी के कुत्सित प्रयास कर, पूरे आदिवासी समाज को अपमानित करने काम किया है. इतना ही नहीं, भूपेश सरकार ने अम्बेडकराइट पार्टी के आदिवासी समाज के प्रत्याशी का अपहरण कर उसपर दबाव बनाने की कोशिश की. सरकार अपने आप को हार से को बचाने के लिए ये सारे आड़े-टेढ़े प्रयास कर रही है, पर इन्हें हार से कोई नहीं बचा सकता.

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