देश में सुरक्षित कारों को बढ़ावा देने और ग्राहकों को इनके प्रति जागरूक करने के लिए, इस साल की शुरुआत में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने Bharat NCAP (भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम) को लॉन्च किया गया था. BNCAP की शुरुआत GNCAP के ‘भारत के लिए सुरक्षित कारें’ स्कीम के अंत का भी प्रतीक है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत एनसीएपी वेबसाइट अब लाइव हो चुकी है. हालांकि इस पर अभी किसी भी क्रैश टेस्ट स्कोर का खुलासा होना बाकी है. उम्मीद की जा रही है कि, सबसे पहले क्रैश टेस्ट की जाने वाली कारों में दो एसयूवी शामिल हो सकती हैं, जो कि किआ सोनेट और टाटा पंच हैं. BNCAP वेबसाइट पर अपलोड की गई इमेज से पता चलता है, कि एंट्री-लेवल किआ सोनेट HTE वेरिएंट का क्रैश टेस्ट किया जा रहा है.
बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों में शामिल Hyundai Motor ने अपनी कारों को इस टेस्टिंग के लिए भेजने की पुष्टि की थी. इनमें कंपनी की Exter SUV और नई Creta SUV शामिल हो सकती है. इसके अलावा Maruti Suzuki और Tata Motors जैसी कुछ प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनियां भी अपनी कारों को टेस्टिंग के लिए भेज सकती हैं.
दक्षिण कोरिया की Hyundai ने देश में अपने सभी मॉडल्स में छह एयरबैग्स स्टैंडर्ड के तौर पर उपलब्ध कराने की घोषणा की है. इसके अलावा तीन प्वाइंट सीटबेल्ट और सीटबेल्ट रिमांइडर जैसे अन्य सेफ्टी फीचर्स को भी कंपनी सभी वेरिएंट्स में उपलब्ध कराएगी. ह्युंडई के 13 मॉडल्स में से 10 में इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल (ESC) और हिल स्टार्ट असिस्ट कंट्रोल (HAC) को सभी मॉडल्स और वेरिएंट्स में स्टैंडर्ड के तौर पर दिया जाएगा. कंपनी ने बताया है कि उसके पांच मॉडल्स में एडवांस्ड ड्राइवर एड्स सिस्टम (ADAS) भी होगा. ह्युंडई की नई Verna को ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट में फाइव-स्टार सेफ्टी रेटिंग मिली थी.
इस समय, भारत एनसीएपी कार निर्माताओं की ओर से शामिल किए जाने वाले फीचर्स को अनिवार्य नहीं करता है, इसके बजाय यह टकराव के प्रभाव के आधार पर स्टार रेटिंग प्रदान करता है. हालांकि, यदि सरकारी पैनल के प्रस्तावों पर विचार किया जाता है तो हम देख सकते हैं कि सरकार वाहन निर्माताओं को अपनी कनेक्टेड कारों को कुछ एडवांस्ड फीचर्स से लैस करने के लिए बाध्य कर सकती है.
वर्तमान में, भारतीय सड़कों पर कुछ कारों में आगे की टक्कर की चेतावनी और आपातकालीन ब्रेकिंग तकनीक की सुविधा होती है. हालांकि, ज्यादातर इन कारों में ऐसे सेंसर का इस्तेमाल किया जाता है जो नजदीक से चालू हो सकते हैं. V2X इस वार्निंग टेक्नोलॉजी का ज्यादा एडवांस्ड और कनेक्टेड रूप है, क्योंकि यह कई किलोमीटर पहले भी चेतावनी जारी करने के लिए एक डेडिकेटेड नेटवर्क पर निर्भर करता है, जो ड्राइवर को पहले से सतर्क रहने में सक्षम बनाता है.
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