नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली इकाई में बड़ा बदलाव करते हुए शनिवार (5 अगस्त) को कपिल मिश्रा को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी. बीजेपी ने कपिल मिश्रा को प्रदेश उपाध्यक्ष नियुक्त किया है. बता दें कि दिल्ली बीजेपी ने हाल ही में अपनी नई टीम की घोषणा की थी. कपिल मिश्रा बीजेपी से पहले आम आदमी पार्टी के विधायक रह चुके हैं. अरविंद केजरीवाल से विवाद के बाद उन्होंने आप से इस्तीफा दे दिया था. उसके वह बीजेपी में शामिल हुए.
भाजपा ने करीब चार साल के लंबे इंतजार के बाद कपिल मिश्रा को शनिवार को पार्टी की दिल्ली इकाई का उपाध्यक्ष नियुक्त किया है. मिश्रा की नियुक्ति करने वाले दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि उनका नाम इस सप्ताह की शुरुआत में घोषित पार्टी के नए पदाधिकारियों की सूची में था, लेकिन किसी कारण से इसकी घोषणा नहीं की जा सकी थी.
दिल्ली भाजपा प्रदेश महामंत्री हर्ष मल्होत्रा द्वारा शनिवार को इस संबंध में जारी सर्कुलर में बताया गया है कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के आदेश अनुसार, कपिल मिश्रा को भारतीय जनता पार्टी दिल्ली प्रदेश का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है. यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू होगी.
दिल्ली का प्रदेश उपाध्यक्ष बनने पर कपिल मिश्रा ने पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा एक छोटे से कार्यकर्ता को इस प्रकार स्नेह पूर्ण अपनाना केवल भाजपा में ही संभव है. मै प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करता हूं. साथ ही उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का भी आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि मुझे इस जिम्मेदारी के योग्य समझने के लिए मैं जेपी नड्डा का आभार व्यक्त करता हूं.
2020 में लड़ा था विधानसभा चुनाव
आप से नाता तोड़कर साल 2019 में बीजेपी में शामिल हुए कपिल मिश्रा को पार्टी ने उस समय कोई नई जिम्मेदारी तो नहीं दी, लेकिन मॉडल टाउन विधानसभा सीट से उन्हें टिकट देकर 2020 चुनाव लड़ाया था. ये बात अलग है कि कपिल मिश्रा आप विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी से चुनाव हार गए थे. उसके बाद कपिल मिश्रा एनआरसी और सीएए विरोध प्रदर्शन के दौरान पूर्वोत्तर दिल्ली में हुए दंगों के दौरान वह सुर्खियों में आये थे.
कौन हैं कपिल मिश्रा
कपिल मिश्रा ने 2015 के दिल्ली के विधानसभा चुनाव में करावल नगर से आप उम्मीद्वार के रूप में चुनाव लड़ा. उन्होंने भाजपा के उम्मीदवार मोहन सिंह बिष्ट को बड़े अंतर से हरा कर कर विधायक बन गए. उन्हें 2017 में आप सरकार ने उन्हें दिल्ली के जल मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया था. जिसके बाद 17 अगस्त 2019 को आधिकारिक तौर पर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए.