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पटियाला. दागी-पिचके दानों के बहाने गेहूं के एम.एस.पी. में केंद्र सरकार की तरफ से की गई कटौती के विरुद्ध भारतीय किसान यूनियन (एकता-उगराहां) ने आज विरोध प्रदर्शन किया.
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यूनियन के नेतृत्व में पटियाला डी.सी. दफ्तर के आगे भारी संख्या में किसानों और खेत मजदूरों की तरफ से परिवारों सहित विशाल धरना लगाकर केंद्र सरकार का विरोध किया गया और अधिकारियों के द्वारा प्रधानमंत्री के नाम मांग-पत्र भेजा गया.
यह जानकारी देते हुए जत्थेबंदी के नेताओं ने बताया कि किसानों की मांगों में दागी या पिचके दानों का दोष सरासर नाजायज है. गेहूं के रेट में कटौती करने का फैसला तुरंत वापस लिया जाए.
भारी बारिश तूफान को राष्ट्रीय आफत मानकर इस के साथ हुए फसली नुकसान और अन्य जायदाद मकानों आदि के हुए नुकसान की पूरी- पूरी भरपाई की अदायगी खासकर किसानों और खेत मजदूरों को महिलाओं सहित तुरंत की जाए.
ना मात्र मुआवजा देने के लिए भी अधिक से अधिक 5 एकड़ की शर्त खत्म करें. नेताओं ने आरोप लगाया कि केंद्रीय भाजपा हकूमत ने कुदरती कहर के साथ हुई फसली तबाही को राष्ट्रीय आफत मान कर किसानों के जख्मों पर नमक छिड़का है.
बेशक पंजाब की ‘आप’ सरकार ने यह कटौती न करने का हां- पक्षीय ऐलान तो किया है लेकिन गेहूं की 75 से 100 प्रतिशत यानी मुकम्मल तबाही का मुआवजा सिर्फ पांच एकड़ तक 15000 रुपए प्रति एकड़ ऐलान करके व 33 प्रतिशत तक तबाही को मुआवजे के दायरे में से बाहर निकाल कर किसानों के साथ मजाक किया है, क्योंकि इस मुकम्मल तबाही का मुआवजा तो कम से कम 50 हजार से 55 हजार रुपए प्रति एकड़ बनता है.
प्रवक्ताओं ने चेतावनी दी कि आंदोलन की आवाज अनसुनी करने की सूरत में अगले दिनों में आंदोलन तेज किया जाएगा. इस मौके जिला प्रधान जसविंदर सिंह बरास, कोषाध्यक्ष जगमेल सिंह गाजेवास, अमरीक सिंह, जसविंदर सिंह, जसविंदर सिंह सालूवाल, हरमनदीप सिंह, सुखविंदर सिंह, भिंदर सिंह, भरपूर सिंह, मनदीप कौर, गुरमीत कौर आदि मौजूद थे.