रोहित कश्यप, मुंगेली। भाटिया वाइन्स के अपशिष्ट पदार्थ से शिवनाथ नदी का पानी दूषित होने और लाखों की संख्या में मछलियों और करीब दर्जन भर मवेशियों की मौत की खबर पर हाईकोर्ट ने संज्ञान तो लिया ही है. इसके साथ ही मुंगेली के पथरिया एसडीएम भरोसा राम ठाकुर ने भाटिया वाइन्स प्रबंधक को धारा 133 (1) (च) के तहत कारण बताओ नोटिस जारी कर 23 जुलाई को एसडीएम न्यायालय में उपस्थित होकर जवाब मांगा था.
नोटिस में साफ तौर पर कहा गया था कि उपस्थित नहीं होने और संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने पर एकपक्षीय कार्रवाई की बात कही गई थी. जिस पर भाटिया वाइन्स प्रबंधक की ओर से उपस्थित प्रतिनिधि ने जवाब देने के लिए 2 दिवस का समय मांगा है. वहीं एसडीएम ने पर्यावरण संरक्षण मंडल बिलासपुर के क्षेत्रीय अधिकारी से 23 जुलाई तक जांच रिपोर्ट मांगा था. इस पर भी पर्यावरण संरक्षण मंडल की ओर से रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए दो दिन का अतिरिक्त समय मांगा गया है.
पर्यावरण संरक्षण मंडल से क्या मांग की गई
एसडीएम भरोसा राम ठाकुर ने पर्यावरण संरक्षण मंडल बिलासपुर को पत्र लिखकर कहा था कि ऑनलाइन सोशल मिडिया से प्राप्त शिकायत पर ग्राम धूमा में संचालित भाठिया वाईन मर्चेन्ट धुमा शराब फैक्ट्री से निकलने वाली केमिकल युक्त गंदे पानी से आसपास के ग्रामीण क्षेत्र वासियों को समस्या उत्पन्न हो रही है. फैक्ट्री से नाले के माध्यम से केमिकल युक्त गंदे पानी नदी में छोड़े जाने से नदी के पानी में बदबू और पानी का रंग नीला हो गया, जिससे नदी के मछली एवं जलीय जीव जन्तु मर रहे हैं. उक्त फैक्ट्री से उत्सर्जित/निकलने वाले बदबू की शिकायत पूर्व में भी प्राप्त हुआ था. अपशिष्ट जल को फैक्ट्री से नाले में बहाये जाने से बदबू फैलता है. उक्त जल से पशुओं तथा जलीय जीव-जन्तु और फसलों को नुकसान होना संभावित है. फैक्ट्री द्वारा जो प्रदूषित/जहरिली हवा और पानी छोड़ा जा रहा है जिससे लोकहित बाधित हो रही है के संबंध में जांच कर प्रतिवेदन चाही गई थी जो आज पर्यन्त अप्राप्त है. इसकी शिकायत पर नायब तहसीलदार सरगांव और राजस्व विभाग के अमले के साथ संयुक्त जांच कर स्पष्ट अभिमत सहित प्रतिवेदन 23 जुलाई तक इस न्यायालय में प्रस्तुत करें.
भाटिया वाइन्स प्रबंधक को जारी नोटिस में कही गई बात
एसडीएम ने बीएस भाठिया, भाटिया वाईन मर्चेन्टस, प्रा. लि. धुमा, सरगांव को लिखे नोटिस में कहा कि आपके द्वारा ग्राम धूमा में शराब फैक्ट्री संचालित की जा रही है. फैक्ट्री से निकलने वाली केमिकल युक्त गंदे पानी से आसपास के ग्रामीण क्षेत्र वासियों को समस्या उत्पन्न हो रही है. फैक्ट्री से नाले के माध्यम से केमिकल युक्त गंदे पानी नदी में छोड़े जाने से नदी के पानी में बदबू और पानी का रंग नीला हो गया, जिससे नदी के मछली और जलीय जीव जन्तु मर रहे हैं. उक्त फैक्ट्री से उत्सर्जित/निकलने वाले बदबू की शिकायत पूर्व में भी प्राप्त हुआ था. अपशिष्ट जल को फैक्ट्री से नाले में बहाये जाने से बदबू फैलता है. उक्त जल से पशुओं और जलीय जीव-जन्तु एवं फसलों को नुकसान होना संभावित है. फैक्ट्री द्वारा जो प्रदूषित/जहरिली हवा और पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे लोकहित बाधित हो रही है. क्यों न आपके उक्त कृत्य के लिए दण्ड प्रकिया संहिता 1973 की धारा 133 (1) (च) के तहत भयानक जीव-जन्तु को नष्ट, परिरूद्ध या उसका अन्यथा व्ययन किये जाने के कारण कार्रवाई की जावे. इस संबंध में आप अपना जवाब प्रकरण की सुनवाई 23 जुलाई को उपस्थित होकर दस्तावेज सहित प्रस्तुत करें. अनुपस्थित रहने और संतोषजनक जवाब प्रस्तुत नहीं किये जाने पर प्रकरण में एकपक्षीय कार्रवाई किया जावेगा. जिसके लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे.
अब इस मामले में एसडीएम न्यायालय से दो दिन का समय मांगा गया है, जिसमें भाटिया वाइन्स अपना पक्ष रखेगी और पर्यावरण संरक्षण मंडल की जांच टीम अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
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