सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज कोण्डागांव विधानसभा क्षेत्र के ग्राम माकड़ी और राजागांव में आम जनता से रू-ब-रू होंगे. इसके पश्चात कोण्डागांव में आमचो सरगी प्रकृति हर्र का उद्घाटन तथा आदिवासी सम्मेलन में शामिल होंगे. इसके पहले मुख्यमंत्री जगदलपुर में अधिकारियों की बैठक लेकर शासकीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की अद्यतन स्थिति की समीक्षा और मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा करेंगे.
जारी दौरा कार्यक्रम के अनुसार, मुख्यमंत्री 27 मई को 10 बजे अधिकारियों की बैठक लेकर शासकीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा के बाद मीडिया प्रतिनिधियों से मुलाकात एवं चर्चा करेंगे. मुख्यमंत्री 11 बजे स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल का मुआयना करने के बाद जगदलपुर एयरपोर्ट से हेलीकॉप्टर से माकड़ी जाएंगे और वहां दोपहर 12.05 बजे से 01.05 बजे तक आम जनता से भेंट-मुलाकात के पश्चात राजागांव जाएंगे.
मुख्यमंत्री राजागांव में 01.25 बजे से 2.25 बजे तक आम जनता से भेंट-मुलाकात करने के बाद 3.20 बजे जिला मुख्यालय कोण्डागांव पहुंचेंगे. मुख्यमंत्री कोण्डागांव में आमचो सरगी प्रकृति हर्र का उद्घाटन करेंगे. शाम 5.30 बजे से 6.30 बजे तक आदिवासी समाज के सम्मेलन में शामिल होंगे. मुख्यमंत्री इसके पश्चात 7.15 बजे से 9.15 बजे तक कोण्डागांव में विभिन्न समाज एवं संस्थाओं के प्रतिनिधियों से भेंट-मुलाकात करेंगे. कोण्डागांव में ही मुख्यमंत्री रात्रि विश्राम करेंगे.
क्या है ‘आमचो सरगी प्रकृति हर्र‘
छत्तीसगढ़ राज्य के जिला मुख्यालय कोण्डागांव के समीप कोंडानार में वनों के प्रति जागरूकता लाने एवं भावी पीढ़ी को वनों एवं वृक्षों के संबंध में जानकारी प्रदान करने के लिए राज्य का पहला आमचो सरगी प्रकृति हर्र (वन चेतना केन्द्र) विकसित किया गया है. दक्षिण कोण्डागांव वनमण्डल द्वारा स्थापित इस केन्द्र को छत्तीसगढ़ का ऋषिकेश कहा जाने लगा है.
आमचो सरगी प्रकृति हर्र का मुख्य उद्देश्य प्रकृति के साथ-साथ लोगों के स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक करना है. यहां पर 2 किमी लम्बा पाथ-वे बनाया गया है. जहां रोजाना सुबह-शाम लोग प्रकृति के बीच स्वास्थ्य लाभ ले सकेंगे. इस वन चेतना केन्द्र को 11 जोन में विभाजित किया गया है, जिसमें बच्चों के लिए चिल्ड्रन पार्क, योगा प्लेटफॉर्म, ओपन जीम, ओपन प्लेटफॉर्म, तितली बहुल्य क्षेत्र, क्लाइमबर हाउस, बांबू जोन, तालाब, काष्टकला जोन, वूडन हट आदि बनाये गये हैं.
इस वन चेतना केन्द्र में 8 प्रकार के बांस के पौधे लगाये गये हैं. इसके अतिरिक्त औषधीय गुणों के पौधे, विभिन्न प्रजाति के वृक्षों के औषधीय एवं पर्यावरणीय गुणों का उल्लेख किया गया है, ताकि यहां आने वाले बच्चों एवं युवाओं को वृक्षों एवं वनों के संबंध में जानकारी प्राप्त हो सके. यह वन चेतना केन्द्र साल वृक्ष, जिसे स्थानीय भाषा में सरई या सरगी कहा जाता है, से चारों ओर से घिरा हुआ है. यहां कई वर्षों पुराने साल के वृक्ष मौजूद हैं, जिसकी वजह से इस वन चेतना केन्द्र को ‘आमचो सरगी प्रकृति हर्र नाम दिया गया है.
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