रायपुर-  वैशालीनगर सीट से बीजेपी के प्रबल दावेदार रहे राकेश पांडेय ने टिकट कटने के बाद आज संगठन के आला नेताओं से मुलाकात कर अपनी नाराजगी जाहिर की है. राकेश पांडेय अपनी बहन और बीजेपी की राष्ट्रीय महासचिव सरोज पांडेय के साथ बीजेपी कार्यालय पहुंचे और उन्होंने राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री सौदान सिंह, प्रदेश प्रभारी अनिल जैन और प्रदेश संगठन मंत्री पवन साय से मुलाकात कर अपनी बातें रखी.

गौरतलब है कि बीजेपी ने वैशालीनगर से वर्तमान विधायक विद्यारतन भसीन को दोबारा मैदान में उतारा है. हालांकि कहा जा रहा था कि इस सीट के लिए राकेश पांडेय प्रबल दावेदार हैं. चर्चा थी कि उनकी बहन और राष्ट्रीय महासचिव सरोज पांडेय भी उनकी टिकट के लिए प्रयासरत हैं. टिकट नहीं मिलने के बाद भिलाई में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने संगठन के इस फैसले का विरोध करते हुए इस्तीफा दे दिया. संगठन में मचे इस घमासान को देखते हुए आला नेताओं ने राकेश पांडेय को बातचीत के लिए बुलाया. इस बातचीत के दौरान सरोज पांडेय भी मौजूद रही.

तमाम आला नेताओं से हुई बातचीत के बाद राकेश पांडेय ने लल्लूराम डाॅट काम से चर्चा में कहा कि – मेरी मुलाकात सौदान सिंह, अनिल जैन, पवन साय से मुलाकात हुई है. मुलाकात का संदर्भ अपने मन की बात रखना था. पिछले दिनों जो परिस्थितियाँ निर्मित हुई है. उसे लेकर अपने मन की बात कहना चाहता था. दल के भीतर की बात है. उन्होंने कहा कि नाराजगी का कोई विषय नहीं है. दल के अंदर की एक प्रक्रिया है. प्रत्याशी चयन करने की प्रक्रिया के तहत ही मेरा नाम आया है. कार्यकर्ताओं से गुप्त मतदान के जरिये राय बुलाया था. पार्टी ने अपने सर्वे से जानकारी जुटाई थी. उसके आधार पर यह बात सामने आई थी कि जो कार्यकर्ता है, वह मुझे अपने प्रतिनिधि के रूप में लेना चाहते है. परेशानी सिर्फ इस बात को लेकर यही थी कि यदि कार्यकर्ता कुछ करना चाहता है तो दल उसका सम्मान किन परिस्थितियों में नहीं करता है.

राकेश पांडेय ने कहा कि कार्यकर्ताओं की नाराजगी का मामला संगठन के भीतर की बात है. मैंने अपने नेताओं के सामने अपने मन की बात रखी है. आप उसे किसी भी रूप में ले सकते हैं. चाहे आप व्यथा के रूप में ले लें. लेकिन मुझे इस बात का दुख है कि हम जब पार्टी विथ डिफरेंस के हिसाब से चलते हैं तो यह परंपरा कायम रहनी चाहिए. हम एक प्रमुख चीज परिवारवाद को लेकर चलते है. मुझे इस बात से तकलीफ नहीं है कि प्रत्याशी कौन होगा. जो भी होगा बीजेपी का होगा. लेकिन इस कारण से ये बात हो कि परिवारवाद का आरोप मुझ पर लगे. पांडेय ने कहा कि एक तीर चलता है तो चालीस तीर वापस जाते है. इससे हमे बचना है. यही मेरी व्यथा थी. यही बात मैंने अपने नेताओं के सामने रखी है. उन्होंने कहा कि मैं बीजेपी का पुराना कार्यकर्ता हूँ. 30 सालों से बीजेपी के लिए काम कर रहा हूँ. मेरा विश्वास है कि छत्तीसगढ़ में चौथी बार रमन सिंह के नेतृत्व में सरकार बनेगी. 15 सालों के विकास के आधार पर सरकार बनेगी. राकेश पांडेय से जब यह पूछा गया कि जिन प्रश्नों को लेकर आपने आला नेताओं से मुलाकात की, तो इसका जवाब क्या आया? इस पर उन्होंने कहा कि – ये प्रश्न है ये अब भी कायम है, जवाब आने तक ये प्रश्न कायम है.