भिलाई। टाउनशिप के सेक्टर 10 मार्केट में दुकान तोड़ने के एक मामले में पुलिस ने भिलाई स्टील प्लांट के तत्कालीन सीईओ एस चंद्रशेकरन के साथ ही तत्कालीन पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों सहित 15 लोगों के खिलाफ लूट, आपराधिक षड़यंत्र और तोड़फोड़ की धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया है. व्यवसायी केएन प्रेमनाथ नायर की पत्नी रेणुका नायर ने न्यायालय में याचिका दायर की थी जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पुलिस को संबंधित सभी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था.
इस मामले में रेणुका नायर ने 2014 में न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया था. सुनवाई के बाद न्यायालय ने परिवाद को खारिज कर दिया था. जिसके बाद रेणुका ने मामले में अपर न्यायालय में अपील की. अपर न्यायालय ने घटना को प्रथम दृष्टया सही माना और एफआइआर दर्ज करने का आदेश देते हुए प्रकरण को न्यायाधीश प्रवीण कुमार मिश्रा के न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया. मामले में सुनवाई करते हुए न्यायाधीश प्रवीण कुमार मिश्रा ने 5 अलग-अलग धाराओं के तहत एफआइआर दर्ज किये जाने का आदेश दिया और मामले में आरोपी बनाए गए सभी 15 आरोपियों को 5 अगस्त को उपस्थित होने का आदेश दिया है.
सात साल तक नहीं किया हस्ताक्षर
रेणुका ने अपनी याचिका में बताया कि उसने बीएसपी द्वारा दी गई लीज दुकान कम आवास को एसी बोस नाम के एक शख्स से 1991 में खरीदा था. तब बीएसपी के अधिकारियों के हस्ताक्षर की प्रक्रिया अधूरी रह गई थी. वह लगातार कार्यालय का चक्कर काटते रहीं लेकिन बीएसपी के अधिकारी टाल मटोल करते रहे. तकरीबन सात साल बाद 1998 में बीएसपी के तत्कालीन जीएम शिखर जैन से इस मामले में उन्होंने मुलाकात किया था. जिसके बाद उन्होंने सारी औपचारिकताएं पूरी कराई और 50181 रुपए टैक्स के रुप में जमा किया. उसके बाद से वे वहां अपना व्यापार करते रही थीं. रेणुका ने आरोप लगाया था कि 9 जून 2014 को बीएसपी के तोड़फोड़ दस्ते ने उनकी दुकान और उसके ऊपर बने घर को अवैध बताते हुए पुलिस की मौजूदगी में ढहा दिया था. प्रेमनाथ और उनकी पत्नी ने घर से 50 हजार रुपये नगदी और लाखों रुपये का सामान लूटने और महिलाओं के साथ मारपीट का आरोप लगाया था.
इन्हें बनाया आरोपी
- बीएसपी के तत्कालीन सीईओ एस.चन्द्रशेखरन
- ईडी एलटी.शेरपा
- जीएम टाउनशिप एसके.जैन
- डीजीएम आलोक कुमार झा
- एजीएम यशंवत कुमार साहू
- एजीएम विजय शर्मा
- एजीएम एब्रान तिर्की
- सीनियर मैनेजर दिलीप राय चौधरी
- लॉ ऑफिसर बीएसपी रविशंकर
- सहायक विधि अफसर प्रदीप दास
- बीएसपी कर्मचारी श्रीकांत कन्नौजे
- बीएसपी कर्मचारी दुर्गैश राजू
- तत्कालीन तहसीलदार मधुहर्ष देवांगन
- तत्कालीन सीएसपी वीरेन्द्र सत्पथी
- किराएदार डॉ. पंकज अग्रवाल
स्टे के बाद भी कार्रवाई
परिवादी ने आरोप लगाया है कि यह कार्रवाई बीएसपी द्वारा दुर्भावनापूर्वक की गई. इसके पहले बीएसपी के अधिकारियों ने उनके दुकान-मकान का बिजली और पानी का कनेक्शन काट दिया था. जिस पर उन्होंने न्यायालय में परिवाद दाखिल किया था. परिवाद पर अपना फैसला सुनाते हुए न्यायालय ने उन्हें 7 जून से 25 जून 2014 तक स्टे दिया था. इसके बावजूद बीएसपी ने 9 जून को यह कार्रवाई करते हुए न्यायालय के आदेश की अवमानना की. रेणुका ने अपने परिवाद में बताया कि उनके पति केएन प्रेमनाथ ने 2013 में बहुजन समाज पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा था. जिसके बाद से उन्हें परेशान किया जाने लगा.