बाराबंकी. भीम आर्मी सदस्य के आत्महत्या करने का मामला सामने आया है. अशोक कुमार ने सुसाइड से पहले एक नोट भी लिखा था. सुसाइड नोट में कोतवाल संतोष और दरोगा निर्मल पर गंभीर आरोप लगाए. मृतक ने रामू, अरबिंद, अमित पत्रकार समेत पुलिसकर्मियों को भी मौत का जिम्मेदार ठहराया है.
सुसाइड नोट में लिखा है कि ‘विपक्षियों के कहने पर पुलिस ने उससे 75,000 रुपये मांगे. रुपये न देने पर मर्फीन में फंसाने की धमकी दी. परिजनों ने पुलिस पर मारपीट के मामले में एकतरफा कार्रवाई का भी आरोप लगाया है. पूरा मामला जैदपुर थाना क्षेत्र के मौथरी गांव का है.
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जानकारी के मुताबिक अशोक कुमार राजमिस्त्री थे, जिससे वह जीवन-यापन करते थे. 30 सितंबर की सुबह उनका शव गांव के बाहर पेड़ पर फंदे से लटका पाया गया. मृतक के पुत्र रवि कुमार ने बताया कि 25 सितंबर को गांव के रामू से रुपये लेनदेन को लेकर विवाद हो गया था, जिसमें आरोपित ने पिता, चाचा और उस पर फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया था और इसके बाद घर में घुसकर मारपीट और अभद्रता की.
दूसरे दिन 26 सितंबर को रवि की मां भी मुकदमा लिखाने थाने गई तो कार्रवाई के बजाय उनको ही रोक लिया गया. परिजनों के मुताबिक सुसाइड नोट में थानाध्यक्ष समेत एक दारोगा पर 75 हजार रुपये मांगने की बात सहित कुछ लोगों पर आरोप लगाया गया है. पुलिस पर रुपये न देने पर फर्जी मुकदमे में भी फंसाने की धमकी देने का आरोप है. इससे अशोक परेशान था. लिहाजा मंगलवार की रात गांव के बाहर पेड़ पर फंदा लगाकर उसने फांसी लगा ली.
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