शैलेंद्र पाठक, बिलासपुर. भीमा मंडावी हत्याकांड मामले में एनआईए की अवमानना याचिका निराकृत हो गई. शासन ने कोर्ट में कहा कि एनआईए को हमने मामले से जुड़े दस्तावेज सौंप दिए हैं. जिसके बाद कोर्ट ने एनआईए की याचिका को निराकृत किया.

बता दें कि कोर्ट ने शासन को 15 दिन में जांच से जुड़े दस्तावेज एनआईए को सौंपने का आदेश दिया था. 15 दिन बीत जाने के बाद भी शासन ने एनआईए को दस्तावेज नहीं सौंपे. इसके बाद एनआईए ने कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी. मामले की पूरी सुनवाई जस्टिस सामंत की सिंगल बेंच द्वारा की गई.

नक्सली ब्लास्ट में हुई थी विधायक मंडावी की मौत

दंतेवाड़ा में लोकसभा चुनाव के दौरान नक्सलियों ने विधायक भीमा मंडावी के काफिले में ब्लास्ट किया था. नक्सलियों के इस हमले में भाजपा विधायक भीमा मंडावी सहित पांच पुलिस कर्मियों की मौत हुई थी.

बीजेपी ने की थी जांच की मांग

भीमा मंडावी की मौत के बाद भाजपा नेताओं ने सीबीआई जांच की मांग की थी, राज्य में सीबीआई बैन होने की वजह केन्द्र सरकार ने 17 मई को एनआईए को जांच का आदेश दिया था.

एनआईए द्वारा मामला रजिस्टर कर राज्य सरकार से भीमा मंडावी की मौत से जुड़ी फाइल की डिमांड की जा रही थी लेकिन आयोग द्वारा जांच किये जाने की वजह से सरकार ने वह फाईल एनआईए को नहीं सौंपी थी. जिसके बाद एनआईए ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में राज्य सरकार के खिलाफ याचिका दाखिल की थी. याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस आरसी सामन्त की बेंच ने 15 दिन के भीतर एनआईए को फाइल सौंपे जाने का सरकार को आदेश दिया था.