कुंदन कुमार/पटना। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने मुंगेर जिले स्थित भीमबांध वन्यजीव अभ्यारण को विश्वस्तरीय पर्यटन एवं जैव-विविधता केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए अधिकारियों को विस्तृत परियोजना प्रस्ताव (डीपीआर) शीघ्र तैयार करने का निर्देश दिया है। इस संबंध में उन्होंने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव के साथ बैठक कर विकास की रूपरेखा तय की।

पर्यटन और इको-डेवलपमेंट पर विशेष जोर

उपमुख्यमंत्री ने प्रस्ताव में वन अनुभव केंद्र-सह-प्रशिक्षण केंद्र, वेलनेस सेंटर, योग ग्राम, आयुर्वेद केंद्र, इनडोर गतिविधि क्षेत्र, कैफेटेरिया एवं भोजनालय, प्रशासनिक भवन, रेस्टोरेंट व सभा-कक्ष, गरम पानी की झील, ट्री हाउस-सह-कॉटेज, व्यू प्वाइंट, ट्रैकिंग मार्ग, लैंडस्केपिंग, भीम-सेन कुंड, ऑर्किड एवं फल उद्यान तथा वॉच टॉवर/निगरानी मीनार जैसे कार्यों को शामिल करने का निर्देश दिया।

आसपास के क्षेत्रों को भी मिलेगा लाभ

उन्होंने कहा कि बेलाटांड़, चोरमारा, नारोकॉल, बहेरातानड़, बघेल, कुकुरझाप धाम, खड़गपुर झील और भौराकोल झील को भी विकास योजना से जोड़ा जाए, ताकि पूरे क्षेत्र को एकीकृत पर्यटन पहचान मिल सके।

आदिवासी और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार

उपमुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि अभ्यारण क्षेत्र में रहने वाले लगभग 12 से 13 हजार आदिवासियों एवं स्थानीय लोगों के रोजगार, कौशल विकास और आजीविका से जुड़ी योजनाओं को प्रस्ताव में प्राथमिकता दी जाए।

अंतरराष्ट्रीय पहचान की ओर कदम

सम्राट चौधरी ने कहा कि प्राकृतिक संपदा, गरम जलधाराओं, घने जंगलों और समृद्ध जैव विविधता से भरपूर भीमबांध के विकास से न केवल मुंगेर बल्कि पूरे बिहार को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर नई पहचान मिलेगी और बड़े पैमाने पर आर्थिक विकास के अवसर सृजित होंगे।