एनके भटेले, भिंड। मध्य प्रदेश के भिंड जिले के एक युवक को इनकम टैक्स ने 113 करोड़ रुपये से अधिक का रिकवरी नोटिस भेज दिया। जिससे युवक के होश उड़ गए। नोटिस मिलने के बाद से युवक मानसिक रूप से परेशान है। वह दिल्ली की एक कंपनी में मैनेजर है और उसकी सैलरी मात्र 50 हजार रुपए है।

पीड़ित रवि गुप्ता ने बताया कि उसे साल 2019 में पहला नोटिस आयकर विभाग से मिला था, जिसमें 3.5 करोड़ रुपये जमा कराने की बात कही गई थी। लेकिन उसे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं थी। उनके नाम से किसी ने फर्जी कंपनियां बनाकर ट्रांजेक्शन किए थे। अपने साथ हुई फ्रॉड की बाकायदा लिखित शिकायत उसने महाराष्ट्र पुलिस और एमपी पुलिस में की थी, जिसको लेकर मध्य प्रदेश की EOW टीम जांच कर रही है। इसकी सूचना वो पूर्व में ही आयकर विभाग को दे चुका है। बावजूद उसे कई बार नोटिस जारी किया गया है, हाल ही में एक और डिमांड नोटिस 23 मार्च को जारी हुआ है, जिसमें उसे एक महीने का समय देते हुए 113 करोड़ 83 लाख 32 हजार 8 रुपए जमा करने की बात लिखी है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से जारी किए नोटिस में लिखा गया है कि 23 अप्रैल तक समय सीमा में यदि संबंधित राशि का भुगतान नहीं किया गया तो प्रति महीने एक प्रतिशत की दर से ब्याज भी भरना होगा।

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रवि ने बताया कि वो दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी में मैनेजर के पद पर काम कर रहा है और उनकी तनख़्वाह मात्र 50 हजार रुपए है, ऐसे में वो इतनी बड़ी रकम कहां से भरेंगा। उसका आरोप है कि उसे जानकारी उपलब्ध नहीं कराई। सिर्फ नोटिस थमा रहे हैं। रवि गुप्ता ने बताया उससे वित्तीय वर्ष 2012-13 से ही इस सम्बंध में टैक्स भरने के लिए कहा जा रहा है, लेकिन आयकर अधिकारी उनसे पूर्व में शिकायत ना किए जाने का तर्क देते रहे हैं। उनका कहना है कि जब फ्रॉड 2012-13 में हुआ तब इसकी शिकायत क्यों नहीं की और जब मामला 2019 में नोटिस के जरिए जानकारी में आया तब भी क्यों नहीं की। जबकि रवि गुप्ता का कहना है कि वो पूर्व में ही जवाब दिया था कि उन्हें 2019 से पहले इस बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी। जब नोटिस मिला। इसके बाद भी उसने आयकर विभाग से इन ट्रांजेक्शन के बारे में जानकारी मांगी, लेकिन विभाग ने उसे कोई जानकारी उपलब्ध नहीं करायी। जिनके अभाव में वो शिकायत नहीं कर सका। हालांकि उसने इस सम्बंध में जब सीबीआई से 2020 में शिकायत की तब जाकर EOW के जरिये इसकी जांच शुरू की गई है। एक ओर मामले में जांच चल रही है, दूसरी ओर लगातार मुझे नोटिस दिए जा रहे हैं।

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रवि गुप्ता का आरोप है कि आयकर विभाग की ओर से किसी तरह से मुझे कोई सहयोग नहीं किया जा रहा है। ना ही किन दस्तावेज के आधार पर उन फर्जी कंपनियां का केवाईसी किया गया है ये बताया जा रहा है ना ही फर्म का नाम बताया जा रहा है। सिर्फ नोटिस के ज़रिये टैक्स मांगा जा रहा है। रवि ने यह भी बताया कि इस तरह का फ्रॉड उनके अकेले के साथ ही नहीं हुआ है। एमपी में ही दो अन्य युवक भी इसी तरह के फ्रॉड में फंस गए हैं। वो भी उसकी तरह ही कंपनी में काम करते थे। उनके नाम से भी सूरत में डायमंड फर्म खोली गई हैं। भीलवाड़ा का एक युवक के नाम से भी सूरत में कंपनियां रजिस्टर कराई गई, जिनमें 219 करोड़ का ट्रांज़ेक्शन हुआ। इन सब की जानकारी भी लिखित रूप से मैं दे चुका हूं। ये फ्रॉड मेरे साथ नहीं बल्कि सरकार के साथ हुआ। टैक्स चोरी किया गया है लेकिन उसके बारे में पता करने की जगह विभाग चोरी का टैक्स मुझसे वसूलने का प्रयास कर रहा है।

हाईकोर्ट जाने की कही बात

रवि ने कहा कि अब वो इस मामले को एमपी हाईकोर्ट में ले जा रहे हैं। वहीं से अब पूरे मामले का निपटारा होगा। बता दें कि रवि भिंड के मिहोना क़स्बे में रहने वाला है। वह दिल्ली की एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं। उन्हें 2019 में इनकम टैक्स विभाग ने 3.5 करोड़ रुपय का टैक्स भरने के लिए नोटिस जारी किया था।

मुंबई के मलाड क्षेत्र में ऐक्सिस बैंक की शाखा में खुला है अकाउंट

रवि ने बताया कि उनके नाम से मुंबई के मलाड क्षेत्र में ऐक्सिस बैंक शाखा में फर्जी अकाउंट खोलकर करीब 132 करोड़ रुपय के ट्रांजेक्शन किए गए हैं। बैंक से जानकारी लेने पर पता चला कि यह खाता सिर्फ उनके पैनकार्ड के नंबर के जरिए खोला गया है। बैंक से जानकारी मांगने पर उसे यह कहकर मना कर दिया गया कि यह अकाउंट आपका नहीं है तो जानकारी नहीं दे सकते हैं। इसके बाद उसने इस मामले की शिकायत महाराष्ट्र पुलिस से की। साथ ही जब वह मध्यप्रदेश पुलिस के पास अपनी शिकायत लेकर पहुंचा तो उसकी कंप्लेंट लिखने से माना कर दिया गया। काफ़ी जद्दोजहद के बाद भी मामला दर्ज नहीं हुआ तो 2020 में रवि ने सीबीआई से मामले की शिकायत की, जिन्होंने इसकी जाँच EOW को सौंपी। टीम मामले की तहक़ीक़ात कर रही है।

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