अजय शर्मा, भोपाल। मध्य प्रदेश के कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए बड़ी खबर सामने आई है। मतदाता सूची अपडेशन कार्य के चलते राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के ट्रांसफर पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। इससे 70 हजार से अधिक कर्मचारी अधिकारी प्रभावित होंगे। नई व्यवस्था के बाद अब राज्य सरकार को कलेक्टर का तबादला करने के पहले चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी। बता दे कि रविवार देर रात ही राज्य सरकार द्वारा 18 आईएएस अफसरों के तबादले किए गए है।
इसके साथ ही मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना की ओर से चुनाव आयोग को एक स्थान पर 3 साल से तैनात अधिकारियों को हटाने संबंधी निर्देश का पालन प्रतिवेदन भी दिया जाएगा। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने ताजा निर्देश जारी किए है।
दरअसल, मध्य प्रदेश में 2 अगस्त से द्वितीय विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण का कार्य शुरू होगा, जो 31 अगस्त तक चलेगा। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि 31 अगस्त तक मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने और संशोधन के लिए आवेदन लिए जाएंगे। सेक्टर अधिकारी मतदाता सूची का वाचन करेंगे। इसमें जनवरी में हुए संक्षिप्त पुनरीक्षण में जिनके नाम काटे या जोड़े गए थे, उनकी जानकारी दी जाएगी। साथ ही उन आवासों का भौतिक सत्यापन भी किया जाएगा, जिनमें छह से अधिक मतदाता हैं।
4 अक्टूबर को वोटर लिस्ट का अंतिम प्रकाशन
4 अक्टूबर को वोटर लिस्ट का अंतिम प्रकाशन होगा। मतदाता सूची के कार्य मद्देनजर आयोग ने शासन को निर्देश दिए हैं कि इससे जुड़े किसी भी अधिकारी-कर्मचारी का तबादला न किया जाए। यदि उसे हटाया जाना आवश्यक है तो आयोग से पूर्व अनुमति ली जाए। इसमें 64 हजार 100 बूथ लेवल आफिसर सहित सेक्टर अधिकारी, रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी और कलेक्टर शामिल हैं।
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