अजय शर्मा, भोपाल। राजधानी भोपाल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हमीदिया से रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir injection) चोरी केस में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस की जांच में रेमडेसिविर इंजेक्शन चोरी होना नहीं पाया गया है। पुलिस अब मामले में खात्मे की कार्रवाई कर रही है।
दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर में हमीदिया अस्पताल से 850 रेमडेसिविर इंजेक्शन चोरी का मामला सामने आया था। जिसके बाद कोहेफिजा पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी, अब जांच अधिकारी की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की चोरी ही नहीं हुई थी। जिला कोर्ट ने इसे गंभीर मामला माना है। कोर्ट ने 11 अगस्त को पुलिस से फाइनल रिपोर्ट मांगी है।
नेताओं, बड़े अफसरों पर लगे थे आरोप
बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर में (16 अप्रैल 2021) रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर हुई मारा-मारी के बीच भोपाल के हमीदिया हॉस्पिटल के सेट्रल स्टोर से 850 इंजेक्शन चोरी होने का मामला सामने आया था। जिसके बाद जांच के आदेश दे दिए गए थे। राजनेताओं, बड़े अफसरों पर आरोप लगे थे।
अस्पताल प्रबंधन ने कई बार बदला बयान
मामले में अस्पताल प्रबंधन और पुलिस के बीच इंजेक्शन चोरी को लेकर गफलत की स्थित अक्सर बनी रही। अस्पताल के स्टोर से चोरी हुए इंजेक्शन को लेकर कई बार अस्पताल प्रबंधन ने अपना बयान बदला। कभी जांच थाने तो कभी क्राइम ब्रांच के आसपास घूमति रही। अब जांच में रेमडेसिविर इंजेक्शन चोरी होना नहीं पाया गया है।
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