शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश में पेसा (PESA) को लेकर सोशल मीडिया (social media) पर जंग छिड़ गई। दरअसल, भाजपा के राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी (Sumer Singh Solanki) के एक ट्वीट ने सियासत गरमा गई। बीजेपी नेताओं ने दिग्विजय (Digvijaya Singh) सरकार के दौरान सबसे अधिक आदिवासियों की जमीनें गैर आदिवासियों के नाम किए जाने पर जमकर घेरा। इस पर दिग्विजय सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि 15 दिन में सबूत दे नहीं तो मांफी मांगिये।
भाजपा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी ने ट्वीट कर लिखा- आदिवासी ज़मीन बिक्री की 170 B की सबसे अधिक अवैध अनुमति 1993-2003 में मिली .! मामा श्री शिवराजसिंह जी के पेसा नियम से सारी अवैध अनुमति भूमि वापस आदिवासियों को मिलेगी…. राघोगढ़ की आदिवासी भूमि भी भील राजा को होगी वापस।
जवाब में दिग्विजय सिंह ने किया ट्वीट
कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा- सरासर झूट बोल रहे हैं सुमेर सिंह सोलकी जी आप। आप के पास कोई प्रमाण है क्या? अगले १५ दिन में प्रमाण दीजिये नहीं तो माफ़ी माँगिये। एमपी पहला राज्य था जिसने PESA क़ानून लागू करने के लिए नियम बनाने की प्रक्रिया १९९८ में शुरू कर ग्राम स्वराज अधिनियम लागू कर दिया था।
आप में साहस है तो मेरे साथ पन्ना चल कर देखिए बीजेपी नेताओं द्वारा किस प्रकार आदिवासियों की भूमि पर धोखा दे कर अपने नाम से रजिस्ट्री करवा ली व क़ब्ज़ा कर लिया। जिस भाजपा के नेता ने क़ब्ज़ा किया है वह आपके अध्यक्ष बीडी शर्मा के ख़ास हैं।
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