शब्बीर अहमद, भोपाल। भोपाल गैस त्रासदी मामले में शुक्रवार को भोपाल जिला कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने डाउ कंपनी को दिए गए नोटिस को तामील माना है, 3 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान कम्पनी के प्रतिनिधि ने पार्शियल अपीयरेंस का हवाला दिया था। कोर्ट ने नोटिस को तामील मानते हुए ज्यूरिडिक्शन के मामले को लेकर कोर्ट ने विस्तृत जानकारी मांगी है। DJ कोर्ट के आदेश पर भगोड़े कंपनी को पेश करने की जिम्मेदारी डाउ की है, इस पर भी अब कम्पनी को जवाब देना होगा, कोर्ट ने लिखित जवाब के साथ विस्तृत जानकारी मांगी है।

कंपनी को देना होगा जवाब 

25 नंबर को अगली सुनवाई में लिखित जवाब के साथ भोपाल कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए गए है। कंपनी को भोपाल ग्रुप फॉर इनफार्मेशन एन्ड एक्शन की 26 फरवरी 2004 की याचिका का भी जवाब देना होगा। बता दें कि 7 बार समन भेजने के बाद डाउ केमिकल की तरफ से पहली बार वकील पेश हुए थे। इस याचिका में कहा गया था कि डाउ केमिकल जानबूझकर एक ऐसी कम्पनी का अधिग्रहण किया, जो भारत सरकार और भारत की अदालतों द्वारा एक घोषित भगोड़ी अपराधी कम्पनी है। इसलिए आपराधिक मुकदमा का सामना करने के लिए कार्बाइड को भोपाल जिला अदालत में पेश करना डाउ का कानूनी दायित्व है। 

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इसके साथ ही भोपाल जिला अदालत के आदेश जो डाउ कारपोरेशन इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के आपराधिक दायित्व और 2005 के एक दूसरे आदेश जो डाउ  केमिकल USA द्वारा यूनियन कार्बाइड को अदालत में ना पेश करने के सम्बन्ध या एक भगोड़े को शरण देने के सम्बन्ध में था, उस पर भी तर्क और लिखित कथन करने के लिए निर्देशित किया गया है। 

अमेरिकी संसद में उठा था मामला 

गौरतलब है कि 8 सितंबर को पहली बार अमेरिकी संसद में भोपाल गैसकांड (यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री) का मामला उठा था। जहां गैस कांड की दोषी कंपनी डाउ केमिकल के खिलाफ उसी के देश अमेरिका की संसद में कार्रवाई के लिए आवाज उठी थी। रशीदा तलीब के नेतृत्व में वहां के 12 सांसदों ने यूएस न्याय विभाग को पत्र लिखकर डाउ केमिकल के खिलाफ आपराधिक समन जारी किया जाए की मांग की थी। जिसके बाद आज राजधानी भोपाल में मामले की सुनवाई हुई।