कुमार इंदर, जबलपुर। Bhopal Gas Tragedy: विश्व की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदियों में से एक भोपाल गैस त्रासदी को लगभग 4 दशक बीतने वाले हैं। लेकिन अब तक इसका निराकरण नहीं हुआ है। जिसके बाद मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने वॉरेन एंडरसन समेत सभी आरोपियों पर जल्द फैसला सुनाने के लिए कहा है। 

गैस त्रासदी से जुड़े क्रिमिनल केस का तेजी से निराकरण करने के निर्देश

दरअसल, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने भोपाल की ट्रायल कोर्ट को आदेश दिया है। जिसमें गैस त्रासदी से जुड़े क्रिमिनल केस का निराकरण तेजी से करने के लिए कहा है। कोर्ट ने कहा है कि हम 40 साल तक मामले लंबित नहीं रख सकते हैं। ट्रायल कोर्ट प्रकरणों की मंथली प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश करे।

भोपाल गैस पीड़ित संघर्ष समिति ने दायर की याचिका 

दरअसल, भोपाल गैस पीड़ित संघर्ष समिति ने याचिका दायर की है। इसे लेकर एमपी हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया है। चीफ जस्टिस खुद प्रकरणों की प्रोग्रेस रिपोर्ट देखेंगे।

भोपाल गैस कांड के 40 साल

गौरतलब है कि 2 दिसंबर 1984 को भोपाल गैस कांड हुआ था। रात 8:30 बजे से मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की हवा धीरे धीरे जहरीली होनी शुरू हो गई थी। जैसे-जैसे रात बीती, वैसे-वैसे अस्पतालों में मरीजों की भीड़ इकट्ठा होने लगी। सुबह तक तो राजधानी कब्रिस्तान में तब्दील हो गई। इस त्रासदी की गिनती सबसे खतरनाक औद्योगिक दुर्घटना में होती है। इसमें न जाने कितनों की जानें गई, कितने अपंग हो गए।

1 जनवरी को भोपाल को मिले जहरीले कचरे से आजादी

बता दें कि इस साल के पहले दिन ही राजधानी भोपाल को 40 साल बाद 337 मीट्रिक टन जहरीले कचरे से आजादी मिली थी। 1 जनवरी को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में भोपाल से पीथमपुर के लिए 12 कंटेनर निकल थे। ग्रीन कॉरिडोर बनाकर कचरा भेजा गया था। 

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