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भोपाल। भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की दूसरी सूची सोमवार को जारी कर दी है। इस लिस्ट में 39 लोगों के नाम शामिल है। जिसमें 3 केंद्रीय मंत्री और 7 सांसदों को भी मौका दिया गया है। भाजपा केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते सहित 7 सांसदों को विधानसभा चुनाव का टिकट दिया गया है।
बीजेपी की दूसरी लिस्ट ने सबको चौंकाया दिया है। जिन्हें चुनाव जिताने की जिम्मेदारी दी, उन्हें ही मैदान में उतार दिया है। तीन केंद्रीय मंत्री सहित सांसदों को विधानसभा का टिकट दिया गया है। जिसके बाद बची सीट के दावेदारों की धड़कनें बढ़ गई है। इस बार सिर्फ सबसे मजबूत प्रत्याशी को ही टिकट दिया जाएगा। अमित शाह ने सबसे पहले पहली लिस्ट जारी कर भी चौंकाया आया था।
तीन केंद्रीय मंत्री, 7 सांसद
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को दिमनी से टिकट दिया गया है। केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल को नरसिंहपुर से और राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को निवास से प्रत्याशी बनाया गया है। इसके अलावा जबलपुर के सांसद राकेश सिंह, सीधी की सांसद रीति पाठक, सतना के सांसद गणेश सिंह, होशंगाबाद के सांसद उदय प्रताप सिंह को विधायकी का टिकट दिया गया है।
चार सांसद पहली बार लड़ेंगे विधानसभा चुनाव
पहली बार चार सांसद विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। जिसमें केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, सांसद राकेश सिंह, सांसद गणेश सिंह और सांसद रीति पाठक शामिल है। ये 4 सांसद पहली बार विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरेंगे। वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर 20 साल बाद विधायक का चुनाव लड़ेंगे। जबकि राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते 33 साल विधानसभा का इलेक्शन लड़ेंगे। वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय 10 साल बाद विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरेंगे।
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के विधानसभा चुनाव के आंकड़े
1993-चुनाव हारे…ग्वालियर विधानसभा से नरेंद्र सिंह चुनाव लड़े,26210 वोट मिले, लेकिन कांग्रेस के रणवीर सिंह से चुनाव हारे
1998 चुनाव जीते…ग्वालियर विधानसभा से नरेंद्र सिंह चुनाव लड़े, 50004 वोट मिले, कांग्रेस के अशोक कुमार शर्मा को हराया
2003- चुनाव जीते…ग्वालियर विधानसभा से चुनाव लड़े, 63592 वोट मिले, कांग्रेस के बालेंदु शुक्ला को हराया
नरेंद्र सिंह तोमर 2023 में चौथी बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। वे 20 साल बाद विधानसभा चुनाव के मैदान में उतर रहे हैं।
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प्रह्लाद पटेल
प्रह्लाद पटेल को नरसिंहपुर से टिकट दिया गया है। वे 5 बार के सांसद और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और जल शक्ति राज्य मंत्री हैं। 2003 में बाजपेयी सरकार में कोयला राज्य मंत्री रह चुके हैं। प्रहलाद पटेल 1889 में पहली बार लोकसभा का चुनाव जीत संसद पहुंचे। 1996 में ग्यारहवीं लोक सभा के लिए दोबारा चुने गए। 1999 में तीसरी बार लोकसभा के लिए चुने गए, इस दौरान वो लोकसभा की विभिन्न समितियों के सदस्य रहे। 2014 के लोकसभा चुनाव दमोह से भारी मतों से चुनाव जीते। प्रह्लाद पटेल 2019 में भी दमोह से चुनाव जीतकर लोकसभा में पहुंचे
कभी उमा भारती के विश्वस्त और खास सिपहसालार रहे प्रहलाद पटेल ने उमा के साथ बीजेपी को अलविदा भी कर दिया था। प्रहलाद पटेल ने बीजेपी के युवा संगठन भारतीय जनता युवा मोर्चा से राजनीति की शुरुआत की थी। प्रह्लाद पटेल का नरसिंहपुर जिले में अच्छा खासा होल्ड है। उनके छोटे भाई जालम सिंह भी नरसिंहपुर से विधायक हैं। वे मूलरूप से नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव के रहने वाले हैं। प्रह्लाद पटेल का जन्म 28 जून 1960 को गोटेगांव में हुआ था। स्कूली शिक्षा करने के बाद उन्होंने बीएससी, एलएलबी और फिर फिलॉसफी में एमए किया।
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फग्गन सिंह कुलस्ते
फग्गन सिंह कुलस्ते मंडला से सांसद और केंद्रीय मंत्री है। वे लोकसभा सीट से छठी बार सांसद हैं। फग्गन सिंह पहले भी केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। पार्टी के बड़े आदिवासी नेता माने जाते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें इस्पात मंत्रालय में राज्यमंत्री बनाया है। कुलस्ते ने 1988 में भाजपा कार्यकर्ता के रूप में अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। 1989 में पहली बार निवास विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। वे 1996 में पहली बार लोकसभा सदस्य बने। 1998 में 12वीं लोकसभा चुनाव भी जीते, 1999 में 13वीं लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद केन्द्र में संसदीय कार्य राज्यमंत्री बने। 1999- 2004 तक केंद्रीय जनजातीय कार्य राज्यमंत्री भी रहे।
फग्गन सिंह 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के बसोरी सिंह मसराम से चुनाव हार गए थे। फग्गन सिंह 2012 में राज्यसभा में चुने गए। 2014 में लोकसभा चुनाव में फिर से जीत गए। 2016-2017 में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री रहे। मंडला लोकसभा क्षेत्र में भाजपा के फग्गन सिंह कुलस्ते ने कांग्रेस के कमल मरावी को 97 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। कुलस्ते मंडला जिले के बारबटी गांव के रहने वाले हैं। 18 मई 1959 को जन्मे कुलस्ते ने मंडला और जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर से पढ़ाई की है। उन्होंने एमए, बीएड और विधि स्नातक हैं।
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राकेश सिंह
राकेश सिंह बीजेपी सांसद और लोकसभा में मुख्य सचेतक है। वे पहली बार 2004 में लोकसभा पहुंचे, दूसरी बार 2009 में लोकसभा सदस्य चुने गए। तीसरी बार 2014 में लोकसभा पहुंचे और चौथी बार 2019 में लोकसभा चुनाव जीते। राकेश सिंह 14, 15, 16 व 17वीं लोकसभा के सदस्य रहे हैं। उन्होंने 13 जुलाई, 2004 को लोकसभा में पहला प्रश्न पूछा था। अभी तक राकेश सिंह उनके खाते में 1343 प्रश्न व बहस दर्ज हैं। वे 2018 में मध्य प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहें हैं, 2010 में प्रदेश महामंत्री भी रहे हैं।
राकेश सिंह ने जबलपुर साइंस कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई की है। कॉलेज के दिनों में ही उन्होंने बीजेपी के लिए काम करना शुरू कर दिया था। 2000 में वे जबलपुर बीजेपी के जिलाध्यक्ष बने थे। वे कुशल संगठनकर्ता और चुनाव कैंपेनर माने जाते हैं। राकेश सिंह की विवादों से दूरी ने उन्हें अमित शाह के वे संगठन का करीबी बना दिया। धीरे-धीरे वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी भरोसेमंद बन गए। राकेश सिंह को पश्चिम से टिकट मिलने पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है।
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गणेश सिंह
गणेश सिंह को सतना विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया गया है। गणेश सिंह लगातार चौथी बार सतना सीट से भाजपा सांसद हैं। वे पहली बार 2004 में लोकसभा का चुनाव जीत संसद पहुंचे। दूसरी बार 2009 में चुनाव जीत लोकसभा पहुंचे, तीसरी बार 2014 और 2019 में लगातार चौथी बार लोकसभा का चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। 14वीं लोकसभा, 15वीं लोकसभा, 16वीं लोकसभा और 17वीं लोकसभा सदस्य चुने गए। गणेश सिंह का जन्म 2 जुलाई 1962 को सतना जिले में हुआ।
गणेश सिंह ने 2009 के लोकसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के बेटे कांग्रेस की कद्दावर नेता राहुल सिंह को हराया था। 2014 के लोकसभा चुनाव में गणेश सिंह ने सतना के कद्दावर बीएसपी नेता सुखलाल कुशवाहा को हराया था। सतना विधानसभा सीट पर वर्तमान में कांग्रेस के सिद्धार्थ कुशवाहा विधायक है। सिद्धार्थ कुशवाहा का टिकट लगभग फाइनल माना जा रहा है। सिद्धार्थ कुशवाहा बीएसपी के पूर्व कद्दावर नेता सुखलाल कुशवाहा के बेटे हैं।
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