शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है। कर्मचारी संगठनों ने जुलाई में बड़े आंदोलन की रणनीति बनाई है। पुरानी पेंशन योजना, महंगाई भत्ता समेत अन्य मुद्दे को लेकर आंदोलन करेंगे। एमपी अधिकारी/कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने तीन चरण में आंदोलन करने का ऐलान किया है।
प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, आंदोलनकारियों की मांगें भी तेज हो गई हैं। जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश अधिकारी/कर्मचारी संयुक्त मोर्चा 11 जुलाई से आंदोलन की शुरुआत करेगा। जिसमें प्रदेश के 50 से ज्यादा कर्मचारी संगठन आंदोलन में शामिल होंगे।
ये हैं मांगें
- अधिकारी-कर्मचारी और पेंशनर्स को महंगाई भत्ता
- महंगाई भत्ता का देय तिथि से एरियर का भुगतान
- स्वास्थ्य बीमा योजना लागू
- वर्ष 2016 से रूकी पदोन्नति
- आवास भत्ते की दर बढ़ाने
- लिपिकों की वेतन विसंगतियां दूर करने की मांग
- ग्रेड पे की विसंगति का निराकरण
- एनपीएस को समाप्त कर पुरानी पेंशन योनजा की बहाली
- अध्यापकों को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता की मांग
- निगम मंडलों में छठवां और पंचायत सचिवों को सातवां वेतनमान
- अनुकंपा नियुक्ति में सरलीकरण
- नियमित शिक्षकों का पदनाम परिवर्तन
- आशा और उषा कार्यकर्ता, जन स्वास्थ्य रक्षक की मांगों का निराकरण
- दैनिक वेतन भोगी, संविदा कर्मचारी, स्थाई कर्मी, कोटवार, आउटसोर्सिंग कर्मचारी को नियमित करने की मांग हैं।
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