भोपाल। MP Road Accident: देशभर में रोजाना सैकड़ों रोड एक्सीडेंट हो रहे हैं। सड़क हादसों में मध्य प्रदेश दूसरे नंबर पर है। हर दिन 126 दुर्घटनाएं हो रही हैं। इसके बावजूद प्रदेश सरकार इन हादसों पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रही है। सड़क हादसों को लेकर सरकार तमाम दावे तो करती है लेकिन रोड पर तेजी से फर्राटे भर रहे अनफिट वाहनों पर कार्रवाई के नाम पर सिर्फ दिखावा करती है। आए दिन अलग-अलग जिलों में अनफिट वाहनों की वजह से कई लोगों को अपनी जान गवाना पड़ रहा है। लोकसभा में सड़क हादसे को लेकर जो आंकड़ें सामने आए हैं, उसे देखकर आप भी चौंक जाएंगे।

लोकसभा में बताया गया कि भारत में हर दिन 980 सड़क हादसे हो रहे हैं। तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में रोजाना 100 से ज्यादा रोड एक्सीडेंट हो रहे हैं। मध्य प्रदेश की बात करें तो तमिलनाडु के बाद दूसरे नंबर पर है। साल 2021 से 2024 तक एमपी में अब तक 1 लाख 81 हजार 479 सड़क दुर्घटनाएं हुई है। प्रतिदिन की बात करें तो इस अवधि में प्रदेश में हर दिन 126 सड़क हादसे हुए।

सड़क हादसों में मरने वालों का चौंकाने वाला आंकड़ा

सड़क हादसों के कारण होने वाली मौतों में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है, जबकि शहरों में दिल्ली पहले नंबर है। बात मध्य प्रदेश की करें तो यहां 13000 से अधिक मौतें होती है। यानी रोड एक्सीडेंट में 8 प्रतिशत मौतें होती हैं। वहीं उत्तर प्रदेश में 23,000 से अधिक लोग (कुल मौतों का 13.7 प्रतिशत) सड़क दुर्घटनाओं के कारण जान गंवा देते हैं। तमिलनाडु में 18,000 से ज्यादा (10.6 प्रतिशत) मौतें होती हैं। महाराष्ट्र में यह आंकड़ा 15,000 से अधिक या कुल मौतों का 9 प्रतिशत है।

MP में रोड एक्सीडेंट में मौत का आंकड़ा

साल 2018 से 2022 तक रोड एक्सीडेंट में हुई मौतों के मामले में मध्य प्रदेश टॉप टेन में शामिल है। एमपी चौथे स्थान पर है। प्रदेश में इस अवधि में 58 हजार 580 लोगों ने जान गंवाई है।

एमपी के बड़े हादसे पर एक नजर

  • 18 जुलाई 2022 को धार जिले के खलघाट में यात्रियों से भरी महाराष्ट्र राज्य परिवहन की बस नर्मदा नदी में गिरने से 12 यात्रियों की मौत हो गई थी। बस इंदौर से महाराष्ट्र की ओर जा रही थी। खलघाट संजय सेतु पुल से बस नीचे गिर गई थी। बस को क्रेन के जरिए निकाला गया। हादसा रॉन्ग साइड से आ रहे एक मोटरसाइकिल सवार को बचाने के दौरान हुआ। बस पुल की रेलिंग तोड़ती हुई सीधे 25 फीट नीचे नर्मदा नदी में जा गिरी थी।
  • 22 अक्टूबर 2022 की रात 11.30 बजे रीवा जिले में नेशनल हाईवे-30 पर भीषण सड़क हादसा हुआ था। जिसमें 15 लोगों की मौत हुई थी और 40 लोग घायल हुए थे। यूपी पासिंग बस हैदाराबाद से गोरखपुर जा रही थी। बताया जा रहा था कि आगे चल रहे ट्रेलर ने अचानक ब्रेक लगा दिए, जिससे पीछे चल रही सीधे ट्रॉले में जा घुसी। बस में सभी श्रमिक सवार थे, जो दीपावली मनाने अपने घर जा रहे थे।
  • बैतूल जिले के झल्लार में एक बस और कार की टक्कर में 11 मजदूरों की मौत हो गई। हादसा 4 नवंबर को हुआ था। रात करीब सवा दो बजे एक टवेरा कार की खाली बस से जा टकराई। सभी लोग अमरावती के एक गांव में बैतूल के झल्लार से 20 दिन पहले मजदूरी करने गए थे। सभी लोग गुरुवार रात करीब 9 बजे अमरावती से झल्लार के लिए रवाना हुए थे। रात करीब सवा दो बजे का चालक को झपकी लगी और कार सीधे बस में जा घुसी।
  • रतलाम जिले में दर्दनाक हादसा 5 दिसंबर को हुआ था। महू-नीमच हाईवे (फोरलेन) पर जिला मुख्यालय से करीब 28 किलोमीटर दूर सातरुंडा फंटे के पास बस का इंतजार कर रहे लोगों को ट्राला द्वारा रौंदने से भीषण सड़क हादसा हो गया। हादसे में 7 लोगों की मौत हो गई थी। ये सभी लोग बस का इंतजार करने सड़क किनारे बैठे थे। तेज रफ्तार से आया ट्रॉला लोगों को रौंदते हुए निकल गया था।
  • राजगढ़ जिले में एक ऐसी ही दुर्घटना हुई थी जहां शादी में जा रहे 20 बारातियों की जान चली गई थी और 20 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। यहां 3 जून 2024 की दरमियानी रात में एक ट्रैक्टर और बारातियों को सवार कर ट्रॉली की भिड़ंत हो गई थी। इस घटना में जीवित बची एक महिला ने पुलिस को बताया था कि बारातियों को ले जाने से पहले ट्राली का ड्राइवर नशे में धुत्त था और वह बिना किसी सुद के तेज रफ्तार में ट्राली भगाए जा रहा था। यह दुर्घटना राजगढ़ जिला मुख्यालय से 32 किलोमीटर दूर और राजस्थान सीमा से लगभग 800 मीटर दूर पिपोल्डी में हुई।
  • साल 2023 में बने नए जिले पांढुर्णा में एक दर्दनाक हादसा हुआ था। यहां 25 अगस्त को भोपाल से हैदराबाद जा रही तेज रफ्तार बस पलट गई जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी और 38 लोग बुरी तरह घायल हुए थे।
  • मध्य प्रदेश के मैहर जिले में 28-29 सितंबर 2024 को देर रात दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। यात्रियों से भरी तेज रफ्तार बस हाईवा से टकरा गई। घटना में 9 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 23 से ज्यादा यात्री घायल हो गए थे।

सड़क सीधी लेकिन हकीकत टेढ़ी

मध्य प्रदेश में सड़कें तो सीधी है लेकिन हकीकत बिल्कुल टेढ़ी है। सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी सड़क हादसों में कमी नहीं आई है, बल्कि इमसें दिन प्रतिदिन बढ़ोत्तरी हो रही है। आए दिन कोई न कोई परिवार अपने पिता, अपना पति, अपना बेटा और अपने रिश्तेदार खो रहा है। रोड एक्सीडेंट पर रोक लगाने के लिए समाधान निकालने के बजाय सरकार दावों और वादों में जुटी हुई है तो वहीं विपक्ष वास्तविक मुद्दों को छोड़ अनर्गल मसलों पर आरोप प्रत्यारोप लगा रही है। अब देखने वाली बात होगी कि राज्य सरकार इन आंकड़ों के सामने आने के बाद सड़क हादसों पर कब तक और कैसे लगाम लगाएगी।

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