शिखिल ब्यौहार,भोपाल। सरकार ने राजधानी भोपाल के मास्टर प्लान का ड्राफ्ट जारी किया है। बता दें कि, 2005 में राजधानी भोपाल के मास्टर प्लान की वैधता समाप्त हो गई थी। भोपाल का मास्टर प्लान-2031 का ड्रॉफ्ट सरकार ने जारी किया हैं। जिसमें सरकार के द्वारा आपत्तियां बुलवाईं गई हैं। जिसमें सोशल एक्टिविस्ट ए.एस सिंहदेव ने आपत्ति दर्ज कराई है।
ए.एस सिंहदेव ने प्रथम बिंदु में आपत्ति दर्ज करवाते हुए कहा कि RG – I और II के भूमि उपयोग में पार्किंग एवं हरियाली तथा वाटर हार्वेस्टिंग विकसित करने के मापदण्ड निर्धारित किए जाएं। RG – III अनुमति योग्य एफएआर 1.00 तथा और द्वारा विकय करने हेतु टीडीआर 0.25 किया जाए। RG-5 बाघ विचरण क्षेत्रों में संरक्षित संबंधित प्रावधान किए जाएं। तालाब समेत अन्य वाटर बॉडी को लेकर भी कई सुझाव दिए गए है। बता दें कि भोपाल विकास योजना 2031 का प्लान 12 महत्वपूर्ण संसोधन के साथ तैयार हुआ है।
इन पर रहेगा फोकस
- बड़ी झील के संरक्षण और संवर्धन पर जोर
- बाघ भ्रमण क्षेत्र को संरक्षित करने जरूरी संशोधन
- केरवा के जल भराव क्षेत्र के निर्धारण पर जोर
- हताईखेड़ा बांध का उत्तर पश्चिम इलाका हरित क्षेत्र
- सड़कों की चौड़ाई 12 मीटर से 18 मीटर तक होगी
- अरेरा कालोनी,चूना भटृटी,विजयनगर के लिए विशेष मापदंड
- मेटो टीओडी व्यवसायिक कॉरिडोर बनाने पर फोकस
- अवधपुरी से हताईखेड़ा प्रस्तावित मार्ग निर्माण में संशोधन
- अवधपुरी से हताईखेड़ा मार्ग अब बनेगा 30 मीटर चौड़ा
- मास्टर में प्लान में 18 मीटर चौड़ी बनेंगी ग्रामीण सड़कें
- कोलार रोड से विलकिसगंज प्रस्तावित मार्ग में हुआ संशोधन
- सतगढ़ी गांव की भूमि को सार्वजनिक-अर्द्धसार्वजनिक किया
- हजामपुर की सरकारी जमीन औघोगिक क्षेत्र प्रस्तावित
- मास्टर प्लान में अब नए मकान निर्माण के मापदंड तय हुए हैं।
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