शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के जगदीशपुर में गुप्त तरीके से संचालित अवैध दवा फैक्ट्री को सील कर दिया गया है। इस मामले में रहवासियों ने बड़ा दावा किया है। बताया गया कि मकान के अंदर देर रात तक काम चलता था। कभी-कभी अजीब गंध आती थी। फैक्ट्री में इस्तेमाल हुए जहरीले केमिकल का असर अब इलाके के लोगों पर दिखने लगा है। ज़हरीला कचरा खाने से कई मवेशियों की मौत हुई है। लोगों की आंखों में जलन और सांस की समस्याएं हो रही है।
इस कार्रवाई में 30 से ज्यादा अधिकारी मकान के अंदर पहुंचे थे। भोपाल से 15 किलोमीटर दूर खेतों के बीच निर्माणधीन मकान में ड्रग्स बनाया जा रहा था। एक महीने पहले घर को बेचा गया था। कुछ दिन पहले घर के अंदर आपस में झगड़ा भी हुआ था। पड़ोसियों ने पुलिस से शिकायत भी की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।
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पड़ोसी बोले- दो लोग हमेशा आते-जाते थे
पड़ोसी का कहना है कि घर के अंदर 70 साल का एक बुजुर्ग हमेशा रहता था। दो शख्स बैटरी गाड़ी से हमेशा सुबह और शाम को आते थे। दोनों ने आसपास के लोगों को बता रखा था कि बैटरी चार्जिंग सेंटर बना रहे है। करीब 30 अधिकारी 16 अगस्त को कार्रवाई करने के लिए पहुंचे थे। 16 से 18 अगस्त तक कार्रवाई जारी रही। इस दौरान यहां स्थानीय पुलिस कभी नहीं आई।
सबीहा खान के नाम पर है घर
जिस घर में ड्रग्स बनाई जा रही थी, वो सबीहा खान के नाम है। बताया जा रहा है कि एक महीने पहले विदिशा के गंजबासौदा के रहने वाले रज्जाक खान से सौदा हुआ था। दोनों के बीच एक लाख में एग्रीमेंट हुआ था। 13 लाख 50 हजार में सौदा हुआ था। एग्रीमेंट के कागज के आधार पर बिजली कनेक्शन लिया गया। सबीहा खान भोपाल के जहांगीराबाद की रहने वाली है। ब्रोकर अबरार ने सौदा करवाया था। फिलहाल पुलिस अबरार को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
DRI ने दी थी दबिश
दरअसल, राजस्व खुफिया निदेशालय यानी डीआरआई ने अवैध दवा बनाने वाली फैक्ट्री पर छापा मारा था। जहां से 92 करोड़ रुपये कीमत की 61.2 किलो मेफेड्रोन MD ड्रग्स बरामद की गई। यह कारखाना गुप्त तरीके से चल रहा था। इस कारखाने को अलग से जानबूझकर चारों ओर से ढककर बनाया गया था। जहां मेफेड्रोन बनाने वाले केमिस्ट सहित दो व्यक्तियों को अवैध प्रोडक्शन प्रक्रिया में लिप्त पाया गया।
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ऑपरेशन “क्रिस्टल ब्रेक” के तहत कार्रवाई
ऑपरेशन “क्रिस्टल ब्रेक” के तहत की गई कार्रवाई में सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इस ऑपरेशन में सूरत और मुंबई पुलिस ने डीआरआई का साथ दिया। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और यूपी में एक साथ छापेमार कार्रवाई की गई। इस दौरान सिंडिकेट के सात बड़े गुर्गे को दबोचा गया। मेफेड्रोन बनाने वाले केमिस्ट सहित दो लोग रंगे हाथों पकड़े गए। फैक्ट्री से 541.53 किलो केमिकल और कच्चा माल बरामद किया गया है।
विदेशी सरगना के इशारे पर कर रहे थे काम
यूपी के बस्ती से कार्टेल का एक अहम सदस्य पकड़ा गया, जो मुंबई से भोपाल तक कच्चे माल की सप्लाई देख रहा था। मुंबई में दो सप्लायर और ट्रांसपोर्टेशन संभालने वाला व्यक्ति भी गिरफ्तार हुआ है। सूरत और मुंबई से हवाला के जरिए भोपाल में पैसा पहुंचाया जा रहा था। कार्टेल का एक करीबी साथी सूरत से पकड़ाया है। गिरफ्तार सातों आरोपी विदेशी ड्रग सरगना के इशारे पर काम कर रहे थे।
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