शब्बीर अहमद, भोपाल। रोशनी आपकी पहचान को उजागर कर देती है वहीं अंधकार आपको छिपा लेता है। कुछ इसी तर्ज पर सिविल डिफेंस मॉकड्रिल के दौरान मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ब्लैकआउट देखने को मिला। क्योंकि जिस तरह से भारत-पाकिस्तान के बीच में तनाव बड़ा है ऐसे में लगता है कि कभी भी युद्ध छोड़ सकता है।

भोपाल में बुधवार को मॉकड्रिल किया गया। युद्ध की तैयारी सेना के साथ आम लोग भी कर सकें इसके लिए ब्लैकआउट किया गया। इस दौरान भोपाल के चारों ओर अंधेरा नजर आया। सायरन की आवाज तेजी से चारों ओर गूंजती हुई नजर आई। ब्लैकआउट के दौरान दोपहिया चार पहिया वाहन जहां थे वही थम गए और अपनी हेडलाइट को उन्होंने बंद कर लिया। इस दौरान पुलिस भी लोगों को जागरूक करती हुई नजर आई।

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सीएम डॉ मोहन ने किया निरीक्षण

शाम 7:30 बजे से 7:45 तक भोपाल में ब्लैकआउट रहा। कुल 15 मिनट का ये ब्लैकआउट किया गया। वहीं ब्लैकआउट के बाद मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव स्टेट कमांड सेंटर पहुंचे। जहां से उन्होंने प्रदेश की स्थिति को लेकर निरीक्षण किया है।

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राजधानी में दिनभर हुई मॉकड्रिल

इसके अलावा बुधवार को शहर में अलग-अलग इलाकों में भी आज दिनभर मॉकड्रिल की गई। मॉकड्रिल का मकसद था अगर कहीं पर भी कोई अप्रिय घटना होती है या फिर दुश्मन देश भारत पर हमला करता है तो तुरंत किस तरीके से निपटना इसकों लेकर मॉकड्रिल की गई।

मॉकड्रिल के स्थल और संचालन

  • भेल क्षेत्र- सर्च और रेस्क्यू अभ्यास किया गया।
  • डीबी मॉल- फायर ड्रिल, बचाव और घायलों की निकासी का अभ्यास हुआ।
  • तुलसी नगर- अस्थायी अस्पताल स्थापित कर आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं का प्रदर्शन किया गया।
  • न्यू मार्केट- लोगों की सुरक्षित निकासी कर पुलिस लाइन तक पहुंचाने की प्रक्रिया का अभ्यास हुआ।
  • कोकटा मल्टी- भवन ध्वस्तीकरण के दौरान निकासी और रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया।

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