शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में विभाग बंटवारे के बाद मंत्रियों को जिलों का प्रभार देना चुनौती बन गई है। मंत्रियों को विभागों का बंटवारा तो कर दिया गया है, लेकिन अब सभी की नजरे मंत्रियों के जिलों के प्रभार पर टिकी हुई है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की पहली कैबिनेट के बाद इसकी घोषणा हो सकती है।
सीएम और दोनों डिप्टी सीएम सहित 31 मंत्रियों के बीच प्रदेश के सभी 55 जिलों के प्रभारी निर्धारित किए जाएंगे। आदिवासी बाहुल्य जिलों को लेकर विशेष प्रयास किये जा रहे है। मंत्रिमंडल में शामिल आदिवासी क्षेत्रों के नेताओं को अनुसूचित जनजाति इलाके के प्रभार सौंपने की तैयारी है। जहां विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा को हार का सामना करना पड़ा उन पर भी फोकस रहेगा।
विधानसभा चुनाव के परिणामों में भाजपा को 47 आदिवासी सीटों में से 25 सीटों पर सफलता मिली। 2018 के मुकाबले 9 सीटों का इस बार बीजेपी को फायदा हुआ। अब भाजपा लोकसभा चुनाव में भी विजयी अभियान आगे ले जाने की रणनीति पर काम कर रही है।
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री और दोनों डिप्टी सीएम ने 13 दिसंबर को शपथ ली थी। इसके 12 दिन बाद 25 दिसंबर को मंत्रिमंडल के 28 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। इसके ही अगले दिन 26 दिसंबर को मोहन कैबिनेट की पहली बैठक बुलाई गई। 30 दिसंबर को विभागों का वितरण किया गया। विभाग के वितरण के बाद अब 3 जनवरी को जबलपुर में पहली कैबिनेट बुलाई गी है। बताया जा रहा है कि कैबिनेट मंत्रियों से विचार विमर्श के बाद मंत्रियों को प्रभार वाले जिले आवंटित किए जा सकते हैं।
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