शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में एक दर्जन से अधिक जिलों में लिंगानुपात (Sex Ratio) में कमी दर्ज की गई है। जिलों की लिस्ट जारी होने के बाद लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए है। लिंग चयन प्रतिशेध अधिनियम के अंतर्गत लिस्ट में शामिल सभी जिलों में निगरानी रखने के निर्देश दिए है। गर्भपात करने वाली दवाईयों पर विभाग की नजर होगी। जनसंख्या में भारत चीन से आगे निकल गया, लेकिन भारत में महिलाओं की आबादी पीछे है।
दतिया, सतना, ग्वालियर, रायसेन, सीधी, बुरहानपुर, सीहोर, गुना, देवास, सिंगरौली, पन्ना, हरदा और बड़वानी जिले में जन्म के समय से कम लिंगानुपात सामने आया है। ऐसे में विभाग ने इन जिलों पर निगरानी और सोनोग्राफी केंद्र के संचालकों, जिला समुचित प्राधिकारियों और पीसीपीएनडीटी (PCPNDT) नोडल ऑफिसरों की समीक्षा करने के आदेश दिए है। गर्भपात की दवाइयों को लेकर फैसला लेते हुए औषधि निरीक्षकों को सक्रियता और मॉनिटिरिंग बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा गर्भपात वाली दवाइयों के विक्रय पर भी नजर रखने के लिए विभाग को निर्देश दिए हैं।
लिंगानुपात के प्रति लोगों को जागरूक करने और जिलों के ग्रामीण-शहरी इलाकों में मुखबिर योजना के लिए कॉलेज की छात्राओं को ब्रांड अंबेसडर के रूप में चयन करने का फैसला लिया गया है। समुदाय स्तर पर जागरुकता बढ़ाने में ब्रांड अंबेसडर के रूप में छात्राओं को जिम्मेदारी देने के अच्छे परिणाम प्राप्त हुए हैं। लिंग चयन गतिविधियों को जन-समुदाय तक पहुंचाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। बोर्ड ने इसे एक अच्छी पहल माना है।
दिल्ली में लिंगानुपात हुआ बेहतर, प्रति 1000 लड़कों पर 933 लड़कियां, शिशु मृत्यु दर भी घटी
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus