भोपाल। मध्य प्रदेश के 15 हजार से ज्यादा डॉक्टर आज यानी बुधवार से अनिश्चितकॉलीन हड़ताल पर है। प्रदेश में डॉक्टर की हड़ताल का असर दिखने लगा है। एमरजेंसी की सारी सुविधाएं ठप पड़ गई है। जिससे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं डॉक्टरों की हड़ताल से निपटने के लिए सरकार एक्शन प्लान बनाया है। प्रदेश के आयुष चिकित्सक स्वास्थ्य सेवाओं की पूरी बागडोर संभालेंगे। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के बाद अधिकारी मैदान पर उतर गए है।
टेंट लगाकर बैठे डॉक्टर
भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर टेंट लगाकर बैठे है। हमीदिया अस्पताल में सुविधाओं को बंद करने का निर्णय लिया है। फिलहाल सीनियर डॉक्टर के साथ जारी मीटिंग है।
डॉक्टरों ने कही ये बात
डॉक्टर ने दी चेतावनी देते हुए कहा कि हम मजबूर हैं, लेकिन आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी। एमरजेंसी कि वे सारी सुविधाएं डॉक्टर द्वारा बंद रहेंगी।
ग्वालियर में बिगड़े हालात
ग्वालियर चंबल अंचल के सबसे बड़े अस्पताल समूह में परेशानी बढ़ने लगी है। मेडिकल कॉलेज GRMC के 350 और स्वास्थ्य विभाग के 140 डॉक्टर हड़ताल पर है। प्रशासन ने आयुष डॉक्टर्स की ड्यूटी लगाई है। आयुष डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे है। पैरामेडिकल स्टाफ सहित सभी स्वास्थ्य कर्मियों की छुट्टी कैंसल की गई है। जयारोग्य अस्पताल में व्यवस्था के लिए आयुष विभाग के 40 डॉक्टर बुलाए गए है।
मरीजों को किया जा रहा डिस्चार्ज
डॉक्टरों की हड़ताल का असर शुरू हो गया है। पहले दिन ही कुछ ही घण्टे में हालात बिगड़ने लगे। अस्पताल में भर्ती मरीजों को जबरदस्ती डिस्चार्ज किया जा रहा है। छतरपुर से 2 दिन पहले भर्ती कराए गए मरीज छेदीलाल को जबरदस्ती अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया। छेदीलाल को हार्ट में दिक्कत होने पर अस्पताल में भर्ती कराया था। प्रशासन द्वारा कोई व्यवस्था भी नहीं की गई है। प्राइवेट अस्पतालो में रेफर के दावे खोखले नजर आ रहे है।
इंदौर में मरीज परेशान
प्रदेश के सबसे बड़े हॉस्पिटल महाराजा यशवंतराव हॉस्पिटल, पीसी सेठी हॉस्पिटल, जिला हॉस्पिटल सहित सभी सरकारी हॉस्पिटल और स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर हड़ताल पर है। हड़ताल के कारण मरीज परेशान हो रहे है। जिला प्रशासन ने की वैकल्पिक व्यवस्थाएं की। 200 से ज्यादा प्राइवेट डॉक्टरों को काम पर लगाया गया है। बावजूद इसके मरीज परेशान हो रहे है। एम वाई हॉस्पिटल में 700 से 800 डॉक्टर है। स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित हो रही है।
सरकार बनाया ये एक्शन प्लान
प्रदेश में डॉक्टरों की डॉक्टरों की हड़ताल से निपटने के लिए सरकार एक्शन प्लान बनाया है। दरअसल, प्रदेश के आयुष चिकित्सक स्वास्थ्य सेवाओं की पूरी बागडोर संभालेंगे। कल देर रात मुख्यमंत्री की बुलाई गई बैठक में यह फैसला हुआ है। जिले के अधिकारी हड़ताल को देखते हुए दिनभर मैदान में तैनात रहेंगे। अधिकारी अस्पतालों का दौरा करेंगे। सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि मरीजों को इलाज में किसी तरह की दिक्कत नहीं आना चाहिए।
निर्देश के बाद मैदान में अधिकारी
सीएम के निर्देश के बाद अधिकारी मैदान में उतर गए हैं। भोपाल कलेक्टर-कमिश्नर हमीदिया अस्पताल पहुंचकर जायजा ले रहे है। व्यवस्था को लेकर कलेक्टर ने कहा कि हम खुद हर जगह राउंड मार रहे हैं। हमने दो प्राइवेट अस्पताल में व्यवस्थाएं शुरू कर दी है। जो भी एमरजेंसी की सुविधा रहेगी इन प्राइवेट हॉस्पिटल में फ्री में इलाज किया जाएगा। कमिश्नर मालसिंह भयड़िया ने कहा कि हमने 1200 बेड रिज़र्व भी कर दिए हैं और जहां पर भी डॉक्टर की ज़रूरत है वहां पर उन्हें डिप्लॉय भी कर दिया है। हम खुद पूरी तरीके से मैदानी स्तर पर एक्टिव हैं।
डॉक्टरों की हड़ताल पर सियासत
प्रदेश में डॉक्टरों की हड़ताल पर सियासत भी जारी है। कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने कहा कि सरकार की नाकामी के कारण आज ये हालात बने है। सरकार कमेटी बनाकर डॉक्टरों को गुमराह कर रही है। कुणाल चौधरी ने डॉक्टरों से अपील करते हुए कहा कि मरीजों को ध्यान में रखते हुए काम पर वापस लौटे। 6 महीने बाद हमारी सरकार बनेगी आप की जायज मांग पूरी होगी।
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हाईकोर्ट जाने की तैयारी
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच डॉक्टरों की हड़ताल के खिलाफ हाईकोर्ट जाने की तैयारी में है। डॉक्टर एसोसिएशन और मध्य प्रदेश सरकार को पार्टी बनाया जाएगा। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने एमपी सरकार और डॉ एसोसिएशन को नोटिस भेजा है। हड़ताल से आम जनता के परेशान होने की बात कही है। साथ ही सरकार और डॉक्टर के बीच जनता के पीसने की बात कही गई है।
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