शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश की चर्चित निशा बांगरे का इस्तीफा सरकार ने मंजूर कर लिया है। जिसके बाद से पूर्व डिप्टी कलेक्टर निशा के चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया है। इसे लेकर राज्यसभा सांसद ने कहा कि यह कोई महिला अधिकारी की नहीं, बल्कि नारी शक्ति की जीत है। विजयादशमी के दिन सत्य की जीत हुई है।

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मध्य प्रदेश सरकार ने निशा बांगरे का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। एमपी हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को इस्तीफा पर फैसला लेने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद निशा के कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने की चर्चा तेज हो गई है। हालांकि 23 अक्टूबर तक रिजाइन स्वीकार नहीं होने के कारण सोमवार देर रात कांग्रेस ने बैतूल की आमला विधानसभा सीट से मनोज मालवे को प्रत्याशी घोषित किया था। बताया जा रहा है कि कांग्रेस आमला सीट से टिकट बदल सकती है।

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वहीं निशा बांगरे का इस्तीफा मंजूर होने के बाद राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने ट्वीट कर लिखा- मप्र शासन ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेश के पालन में निशा बाँगड़े का त्याग पत्र स्वीकार कर लिए। विभागीय इनक्वायरी भी समाप्त कर दी सेंसर के साथ…अब निशा को अपनी आगे का रास्ता के बारे में सोचना पड़ेगा। कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार अमला बैतूल से एक दिन पूर्व घोषित कर चुकी है।

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एक अन्य ट्वीट में कहा कि यह कोई महिला अधिकारी की जीत नहीं है। यह नारी शक्ति की जीत है। शिवराज सिंह और उनके मुख्य सचिव ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी की निशा का त्याग पत्र स्वीकार ना हो। विजयदशमी के दिन आदेश हस्ताक्षरित हुआ। सत्य की जीत हुई।

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